MP में 1000 करोड़ के कथित कमीशन घोटाले पर बवाल, प्रमुख अभियंता को सीएम ने थमाया नोटिस

मध्य प्रदेश में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (PHE) से जुड़ा एक बड़ा विवाद सामने आया है, जहां विभाग के ही प्रमुख अभियंता ने अपनी ही मंत्री संपतिया उइके के खिलाफ 1000 करोड़ रुपये के कथित कमीशन मामले की जांच शुरू कर दी। मामला जब राजनीतिक रूप से तूल पकड़ने लगा तो प्रमुख अभियंता ने यू-टर्न लेते हुए अपने ही लगाए गए आरोपों को "तथ्यहीन और मनगढ़ंत" बता दिया।
लेकिन अब यह विवाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की नजर में आ गया है और उन्होंने इस पूरे मामले को गंभीरता से लिया है।
क्या है मामला?
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प्रमुख अभियंता ने अपने स्तर पर यह आरोप लगाया कि विभागीय मंत्री संपतिया उइके पर 1000 करोड़ की परियोजनाओं में कमीशन मांगे जाने की शिकायतें आई हैं।
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उन्होंने इस आधार पर जांच के आदेश दे दिए, जो न तो मंत्री की जानकारी में था और न ही शासन स्तर से अधिकृत।
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बाद में दबाव बढ़ने पर प्रमुख अभियंता ने सफाई देते हुए कहा कि शिकायतों में कोई दम नहीं था और उन्होंने जल्दबाज़ी में आदेश दे दिया।
सीएम ने जताई नाराजगी, अब प्रमुख अभियंता पर कार्रवाई तय
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मुख्यमंत्री ने सवाल उठाया कि कोई अधीनस्थ अधिकारी किसी मंत्री के खिलाफ जांच का आदेश कैसे दे सकता है?
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उन्होंने इसे प्रोटोकॉल का उल्लंघन और प्रशासनिक सीमा से बाहर जाकर उठाया गया कदम बताया।
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इसी के बाद शासन ने देर शाम प्रमुख अभियंता को नोटिस जारी किया है।
नोटिस में पूछा गया है:
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आपने किस आधार पर यह जांच शुरू की?
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क्या आपने शासन या मंत्री को इसकी जानकारी दी?
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क्या यह आपके अधिकार क्षेत्र में आता है?
क्या हो सकता है आगे?
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अब प्रमुख अभियंता से लिखित जवाब मांगा गया है, जिसे वे निर्धारित समय में सौंपेंगे।
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यदि उनका जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया, तो कार्रवाई तय मानी जा रही है।
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इस पूरे घटनाक्रम को मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक अनुशासन और राजनीतिक गरिमा से जोड़कर देखा है।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
इस विवाद के सामने आते ही विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है।
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कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि "भ्रष्टाचार की पोल खुद सरकार के भीतर से खुल रही है, लेकिन उसे दबाने की कोशिश की जा रही है।"