कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, मंत्री विजय शाह को पद से हटाने की मांग
मध्य प्रदेश के वन मंत्री विजय शाह एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता और नेत्री डॉ. जया ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट में उनके खिलाफ एक नई याचिका दाखिल की है। याचिका में मांग की गई है कि ऑपरेशन 'सिंदूर' के संदर्भ में महिला सैन्य अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी पर दिए गए कथित आपत्तिजनक बयान के चलते मंत्री विजय शाह को तत्काल पद से हटाया जाए।
डॉ. जया ठाकुर ने अपनी याचिका में यह स्पष्ट किया है कि मंत्री विजय शाह का बयान न केवल महिला सशस्त्र बलों के सम्मान को ठेस पहुंचाता है, बल्कि यह भारतीय संविधान में प्रदत्त लैंगिक समानता और सम्मान की भावना के भी विपरीत है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया है कि इस मामले को गंभीरता से लिया जाए और सरकार को मंत्री को बर्खास्त करने का निर्देश दिया जाए।
क्या है मामला?
हाल ही में विजय शाह ने एक सार्वजनिक मंच पर 'ऑपरेशन सिंदूर' के संदर्भ में बयान देते हुए कर्नल सोफिया कुरैशी के नेतृत्व पर सवाल उठाए थे। उन्होंने यह टिप्पणी की थी कि “सेना में कुछ लोगों का नेतृत्व केवल प्रचार का जरिया बनता जा रहा है।” विपक्ष ने इस बयान को महिला विरोधी और सेना की गरिमा के खिलाफ करार दिया है।
ऑपरेशन 'सिंदूर' के तहत कर्नल सोफिया कुरैशी की अगुआई में भारतीय सेना की एक टुकड़ी ने जम्मू-कश्मीर में एक बड़ी आतंकवाद-रोधी कार्रवाई को अंजाम दिया था, जिसमें कई आतंकवादियों को ढेर किया गया था। इस मिशन की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहना हुई थी।
कांग्रेस का विरोध
कांग्रेस नेता जया ठाकुर ने कहा कि इस तरह के बयानों से भारतीय सेना का मनोबल कमजोर होता है और यह महिलाओं के खिलाफ मानसिकता को दर्शाता है। उन्होंने केंद्र सरकार और मध्य प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए पूछा कि क्या इसी तरह के विचारों वाले लोगों को मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी जानी चाहिए?
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार में महिला सम्मान को लेकर दोहरी नीति अपनाई जाती है—एक ओर 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' का नारा दिया जाता है, वहीं दूसरी ओर मंत्री महिलाओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी कर रहे हैं।
अगला कदम
सुप्रीम कोर्ट में इस याचिका पर सुनवाई की तारीख अभी निर्धारित नहीं हुई है, लेकिन इस याचिका को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। अगर सुप्रीम कोर्ट इस पर सुनवाई करता है, तो यह मामला मध्य प्रदेश की राजनीति में बड़ा मोड़ ला सकता है।
फिलहाल भाजपा की ओर से इस याचिका पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है, लेकिन सूत्रों के अनुसार पार्टी इस मामले को “राजनीतिक स्टंट” मान रही है।

