सादगी की मिसाल, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सुनी आम बेचने वाली महिलाओं की पीड़ा, खरीदे आम, बांटी मुस्कान

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव रविवार को अपने सपत्नीक पचमढ़ी प्रवास के बाद जब लौट रहे थे, तब उन्होंने एक ऐसा दृश्य देखा जिसने उनकी मानवीय संवेदनाओं को छू लिया। नर्मदापुरम जिले के बारिआम गांव में सड़क किनारे टोकरी में आम बेच रही महिलाओं और बच्चों को देखकर मुख्यमंत्री ने तुरंत अपना काफिला रुकवाया।
मुख्यमंत्री खुद उन महिलाओं के पास पहुंचे और आत्मीयता से बातचीत की। उन्होंने पूछा – "रोज कितने के आम बिक जाते हैं?"
मुख्यमंत्री को अपने बीच देखकर वहां मौजूद महिलाएं आश्चर्य और खुशी से अभिभूत हो उठीं। आम विक्रेता बसंती टेकाम ने मुस्कुराते हुए बताया,
"सर, रोज सुबह से शाम तक यहां बैठते हैं, तो 400 से 500 रुपये के आम बिक ही जाते हैं।"
डॉ. यादव ने न सिर्फ महिलाओं से बात की, बल्कि उनसे आम भी खरीदे। इस आत्मीय मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री की पत्नी ने भी महिलाओं से संवाद किया और बच्चों को दुलारते हुए मिठास भरे पल साझा किए।
जनसेवा और संवेदनशीलता की झलक
इस पूरे घटनाक्रम ने मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता और जमीन से जुड़े स्वभाव को दर्शाया। बिना किसी औपचारिकता के, बिना मंच और माइक के, आम जन की तकलीफें सुनना और उनसे जुड़ना, एक जननेता की पहचान होती है – और रविवार को बारिआम गांव में यह बात एक बार फिर साबित हो गई।