बिजली उपभोक्ताओं पर बढ़ेगा भार: मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी बढ़ाएगी सुरक्षा निधि, बिल में होगी अतिरिक्त वसूली

मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए अगले महीने से बिजली बिलों में सुरक्षा निधि (Security Deposit) बढ़ाने की घोषणा की है। इस निर्णय से उपभोक्ताओं के मासिक बिल में वृद्धि होगी और सीधे तौर पर आर्थिक भार बढ़ेगा।
क्यों बढ़ाई जा रही है सुरक्षा निधि?
पिछले वित्त वर्ष के आंकड़ों के अनुसार, बिजली की खपत में करीब 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इसी आधार पर कंपनी ने यह निर्णय लिया है कि उपभोक्ताओं से बढ़ी हुई खपत के अनुपात में सुरक्षा निधि वसूली की जाएगी।
तीन किश्तों में वसूली का निर्णय
कंपनी ने उपभोक्ताओं को राहत देने के उद्देश्य से इस अतिरिक्त राशि की वसूली को तीन किश्तों में करने का निर्णय लिया है। यानी, अगले तीन महीनों तक उपभोक्ताओं के बिल में अतिरिक्त राशि जुड़कर आएगी, जिससे उनका मासिक बिल पहले की तुलना में अधिक होगा।
किन उपभोक्ताओं पर पड़ेगा असर?
इस निर्णय का प्रभाव घरेलू, वाणिज्यिक और औद्योगिक सभी श्रेणियों के उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। खास तौर पर वे उपभोक्ता जिनकी बिजली खपत ज्यादा है, उन्हें सुरक्षा निधि में बढ़ी हुई राशि के कारण सबसे ज्यादा असर झेलना पड़ेगा।
उपभोक्ताओं की चिंता
बिजली बिलों में इस तरह की अचानक वृद्धि को लेकर उपभोक्ताओं में चिंता और नाराजगी देखी जा रही है। कई उपभोक्ता संगठनों ने इसे मनमाना निर्णय बताया है और इस पर पुनर्विचार की मांग की है।
कंपनी का पक्ष
कंपनी अधिकारियों का कहना है कि सुरक्षा निधि उपभोक्ताओं की औसत मासिक खपत के आधार पर तय की जाती है। जब खपत बढ़ती है, तो सुरक्षा निधि को उसी अनुपात में रीसेट करना अनिवार्य हो जाता है। यह प्रावधान विधिक और नियामक दृष्टिकोण से आवश्यक है।
मुख्य बिंदु:
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मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अगले महीने से सुरक्षा निधि बढ़ाने जा रही है
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बिजली खपत में 20% की वृद्धि के आधार पर लिया गया फैसला
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तीन किश्तों में वसूली से अगले तीन महीने बढ़ा हुआ बिल आएगा
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घरेलू और व्यावसायिक उपभोक्ताओं पर सीधा असर
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उपभोक्ता संगठनों ने फैसले पर आपत्ति जताई, पुनर्विचार की मांग