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Boycott Turkey: PAK का साथ देना पड़ा भारी, इंदौर से तुर्किए और अजरबैजान जाने वाले 50% पर्यटकों ने रद्द की बुकिंग 

पाकिस्तान में आतंकवादी संगठनों के खिलाफ भारत द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्की और अजरबैजान द्वारा पाकिस्तान की खुलकर मदद किए जाने के बाद, भारतीय पर्यटकों और टूर ऑपरेटरों ने बड़े पैमाने पर इन देशों के लिए बुकिंग रद्द कर...
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पाकिस्तान में आतंकवादी संगठनों के खिलाफ भारत द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्की और अजरबैजान द्वारा पाकिस्तान की खुलकर मदद किए जाने के बाद, भारतीय पर्यटकों और टूर ऑपरेटरों ने बड़े पैमाने पर इन देशों के लिए बुकिंग रद्द कर दी है और यह प्रवृत्ति जारी है। अब पर्यटक इन देशों की बजाय दक्षिण और पूर्वोत्तर भारत की ओर रुख कर रहे हैं। लेकिन महंगी एयरलाइन सेवाएं और महंगे होटल उनकी राह में बाधा बन रहे हैं।

उद्योगपति हर्ष गोयनका ने कही ये बात

उद्योगपति हर्ष गोयनका ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्की और अजरबैजान के रवैये की निंदा करते हुए कहा है कि पिछले साल भारतीयों ने तुर्की और अजरबैजान को 4000 करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार दिया। इससे उनकी अर्थव्यवस्था मजबूत हुई। लेकिन पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद ये दोनों देश पाकिस्तान के साथ खड़े नजर आ रहे हैं। हर्ष गोयनका के अनुसार भारत और दुनिया के अन्य देशों में खूबसूरत पर्यटन स्थलों की कोई कमी नहीं है। भारतीयों को अब इन दोनों देशों में नहीं जाना चाहिए। जय हिन्द. देश की कई शीर्ष टूर कंपनियां गोयनका के आह्वान का समर्थन करती दिख रही हैं।

तुर्की और अज़रबैजान की बुकिंग कैंसिल कराने आ रहे हैं लोग

मुंबई स्थित टूर कंपनी केएमसी हॉलिडेज एंड ऑफशोर प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक और निदेशक किरण भोईर कहते हैं कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद लोग तुर्की और अजरबैजान के लिए अपनी बुकिंग रद्द कराने आ रहे हैं। भोईर के अनुसार, इन दोनों देशों के कई पर्यटन स्थल मध्यम वर्गीय भारतीयों के लिए किफायती हैं, इसलिए पिछले कुछ वर्षों में इन देशों के प्रति रुझान बढ़ा है। मुंबई के ईशा टूर्स के संस्थापक और प्रबंध निदेशक आत्माराम परब कुछ वर्ष पहले आए भूकंप के बाद से ही तुर्की में भारतीयों को पर्यटन की सुविधा दे रहे हैं।

तुर्की में भारत विरोधी भावनाएं व्याप्त थीं

उन्होंने कहा कि उस भूकंप में भारत द्वारा भरपूर मदद किए जाने के बावजूद वहां के लोगों में भारत विरोधी भावनाएं व्याप्त हैं। तुर्की और अज़रबैजान के लोग पाकिस्तान के साथ अपने भाईचारे के रिश्ते को जोड़कर भारत से नफरत करते हैं।
अब, हाल की घटनाओं के बाद, लोग स्वयं वहां जाने से कतराने लगे हैं। परब पिछले डेढ़ दशक से लोगों को पूर्वोत्तर भारत की यात्रा पर ले जा रहे हैं। यह संख्या लगातार बढ़ रही है। लेकिन पूर्वोत्तर के लिए उड़ानों और होटलों की ऊंची दरें मध्यम वर्ग के लोगों के लिए पर्यटन में बाधा उत्पन्न करती हैं।

बुकिंग रद्द होने की दर 250 प्रतिशत थी

टूर एवं ट्रैवल कंपनी मेक माई ट्रिप के प्रवक्ता का कहना है कि पिछले सप्ताह तुर्की और अजरबैजान के लिए बुकिंग में 60 प्रतिशत की गिरावट आई है तथा प्री-बुकिंग रद्द होने की दर 250 प्रतिशत रही है। टूर कंपनी ईज माई ट्रिप के सह-संस्थापक प्रशांत पिट्टी भी पर्यटकों को तुर्की और अजरबैजान का बहिष्कार कर ग्रीस, आर्मेनिया जैसे अन्य देशों में जाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।

तुर्की आतंकवाद समर्थक राष्ट्र बन गया है: निरुपम

महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल शिवसेना के नेता संजय निरुपम ने तुर्की को आतंकवाद का समर्थन करने वाला देश करार देते हुए कहा कि वह भारत में नौ हवाई अड्डों पर सेवाएं देने वाली तुर्की कंपनी के साथ समझौता रद्द किए जाने का स्वागत करते हैं।
संजय निरुपम ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से पर्यटन के माध्यम से भारत और तुर्की के बीच संबंध बेहतर हो रहे हैं। लेकिन हाल की घटनाओं के बाद तुर्की के रुख से यह स्पष्ट है कि वह एक इस्लामिक राष्ट्र की तरह व्यवहार कर रहा है।

सरकार का यह निर्णय स्वागत योग्य है

तुर्की ने जिस तरह से आतंकवाद का समर्थन किया है, उससे ऐसा लगता है कि वह आतंकवाद का समर्थन करने वाला देश बन गया है। भारत सरकार ने देश के नौ हवाई अड्डों पर सेवाएं दे रही तुर्की की कंपनी सेलेबी एनएएस का अनुबंध रद्द कर दिया है। सरकार का यह निर्णय स्वागत योग्य है।

आयात-निर्यात भी बंद होना चाहिए

निरुपम ने कहा कि भारत हर साल तुर्की से 60 हजार करोड़ रुपये का आयात और 20 हजार करोड़ रुपये का निर्यात करता है। अब यह आयात-निर्यात भी बंद होना चाहिए।

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