मंत्री विजय शाह के विवादित बयान पर भाजपा को हुई किरकिरी, पचमढ़ी में नेताओं ने की समझाइश

मध्य प्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह के कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर दिए विवादित बयान ने भाजपा को देशभर में किरकिरी का सामना कराया है। मंत्री विजय शाह का यह बयान सोशल मीडिया और मीडिया में खूब चर्चाओं का विषय बन गया। उनके बयान ने न केवल विपक्षी दलों को आलोचना का मौका दिया, बल्कि पार्टी के भीतर भी असंतोष की आवाजें उठने लगीं।
इस विवाद के बाद, भाजपा के बड़े नेताओं ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया और पचमढ़ी में 14 से 16 जून के बीच आयोजित प्रशिक्षण शिविर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ नेताओं ने सांसदों, विधायकों और मंत्रियों को यह समझाया कि सार्वजनिक बयान देते समय किस तरह की शब्दावली का इस्तेमाल करना चाहिए और क्या बोलना उचित नहीं है।
शिविर के दौरान नेताओं ने यह भी कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की छवि को बचाने और पार्टी के नैतिक मूल्यों को बनाए रखने के लिए नेताओं को सतर्क रहने की आवश्यकता है। हालांकि, इस समझाइश का प्रभाव जमीनी स्तर पर नहीं दिख रहा है। विजय शाह के बयान पर विवाद खत्म होने के बजाय बढ़ता ही जा रहा है, और भाजपा के भीतर भी उनकी निंदा की जा रही है।
विपक्षी दलों ने इस बयान को भाजपा की असलियत और उनके नेताओं के अनियंत्रित बयानबाजी का उदाहरण बताया। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भाजपा के नेता अपनी जिम्मेदारी को समझने के बजाय ऐसे विवादास्पद बयान देकर केवल पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
भले ही पार्टी के बड़े नेता इस मुद्दे को लेकर गंभीर दिखे, लेकिन अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या इस समझाइश का वास्तविक असर पार्टी के नेताओं के व्यवहार पर पड़ेगा, या वे फिर से ऐसे बयानबाजी में उलझ जाएंगे।