राजस्थान के नाहरगढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम हिंगोरिया बड़ा में भाजपा मंडल उपाध्यक्ष श्यामलाल धाकड़ की हत्या का मामला पुलिस के लिए गुत्थी बनता जा रहा है। जांच की दिशा अब इतनी उलझ चुकी है कि पुलिस अधिकारियों को यह समझ नहीं आ रहा कि किस सुराग को प्राथमिकता दी जाए।
हत्या के कई दिन बीत जाने के बावजूद न तो कोई ठोस सुराग हाथ लग पाया है और न ही यह स्पष्ट हो सका है कि इस जघन्य अपराध के पीछे मकसद क्या था। श्यामलाल धाकड़ की छवि एक सामाजिक कार्यकर्ता और सक्रिय राजनीतिक नेता के रूप में थी, जिससे हत्या का उद्देश्य और भी रहस्यमय बन गया है।
पुलिस कई एंगल से कर रही जांच
पुलिस फिलहाल पारिवारिक विवाद, राजनीतिक रंजिश, आपसी दुश्मनी और जमीन विवाद जैसे सभी संभावित पहलुओं को खंगाल रही है। फोरेंसिक टीम से लेकर साइबर सेल तक को जांच में लगाया गया है, लेकिन अब तक की छानबीन में कोई ऐसा ठोस सबूत नहीं मिला जिससे हत्यारे या हत्या की मंशा का खुलासा हो सके।
गांव में फैली दहशत, परिजन परेशान
घटना के बाद से गांव में भय का माहौल है। परिजनों और स्थानीय ग्रामीणों में रोष है कि हत्या के इतने दिन बाद भी पुलिस खाली हाथ है। लोगों की मांग है कि मामले की निष्पक्ष और गहन जांच कर आरोपियों को जल्द गिरफ्तार किया जाए।
पुलिस अधिकारियों की टीम जुटी
नाहरगढ़ थानाधिकारी समेत जिले के वरीय अधिकारी लगातार घटनास्थल का निरीक्षण कर रहे हैं और संदिग्धों से पूछताछ भी जारी है। हालांकि पुलिस अधिकारी अभी मीडिया से किसी निष्कर्ष की पुष्टि करने से बच रहे हैं।
इस बीच पुलिस को एक अहम सुराग की तलाश है, जो इस उलझी कहानी की गुत्थी सुलझा सके। फिलहाल यह मामला न केवल प्रशासनिक चुनौती बना हुआ है, बल्कि राजनीतिक हलकों में भी चर्चा का विषय बना हुआ है।

