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बिलासपुर के छात्रों के लिए राहत की खबर, UGC के डबल डिग्री नियम से खत्म हुआ वर्षों पुराना संशय

बिलासपुर के छात्रों के लिए राहत की खबर, UGC के डबल डिग्री नियम से खत्म हुआ वर्षों पुराना संशय

बिलासपुर के छात्रों के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) द्वारा हाल ही में जारी किए गए Double Degree Rules से उन छात्रों की चिंता खत्म हो गई है जो वर्षों से दो डिग्री एक साथ लेने के बाद अपने शैक्षणिक भविष्य को लेकर असमंजस में थे। खासकर गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय और अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय से जुड़े छात्रों के लिए यह फैसला बेहद अहम माना जा रहा है।

क्या है यूजीसी का नया निर्देश?

UGC ने हाल ही में स्पष्ट किया है कि यदि कोई छात्र दो डिग्री नियमित या ओपन मोड से एक साथ करता है और उसे संबंधित विश्वविद्यालय से पूर्व अनुमति प्राप्त है, तो उन डिग्रियों को वैध माना जाएगा। आयोग के इस फैसले से उन छात्रों को बड़ी राहत मिली है जिन्होंने 2022 से पहले ही दो कोर्स एक साथ पूरे कर लिए थे, लेकिन उनके मान्यता को लेकर संशय बना हुआ था।

बिलासपुर के छात्रों की स्थिति

बिलासपुर में हजारों की संख्या में ऐसे छात्र हैं, जिन्होंने स्नातक या स्नातकोत्तर स्तर पर एक डिग्री नियमित मोड से और दूसरी ओपन यूनिवर्सिटी या डिस्टेंस मोड से की थी। उस समय स्पष्ट दिशानिर्देश नहीं होने के कारण वे अनिश्चितता में थे कि कहीं भविष्य में उनकी डिग्रियों को अमान्य न ठहरा दिया जाए।

2022 में जब UGC ने एक साथ दो डिग्री करने की औपचारिक अनुमति दी थी, तब भी यह प्रश्न अनुत्तरित था कि 2022 से पहले की डिग्रियों का क्या होगा? अब यूजीसी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पूर्व स्वीकृति लेकर की गई डिग्रियां भी मान्य होंगी।

विश्वविद्यालयों की भूमिका

गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय और अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी यूजीसी के इस नए निर्देश को सकारात्मक रूप से लिया है। विश्वविद्यालयों ने कहा है कि जिन छात्रों ने पूर्व अनुमति के साथ डबल डिग्री पूरी की है, उन्हें किसी प्रकार की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। जरूरत पड़ने पर ऐसे छात्रों को प्रमाण पत्र या दस्तावेज सत्यापन की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी।

छात्रों में खुशी की लहर

इस फैसले के बाद छात्रों में खुशी की लहर है। विशेष रूप से वे छात्र जो सरकारी नौकरी या उच्च शिक्षा के लिए आवेदन कर रहे हैं, उनके लिए यह निर्णय गेमचेंजर साबित हो सकता है। एक छात्र ने कहा, “हमने मेहनत से दो डिग्री की थी लेकिन डर था कि कहीं भविष्य में अड़चन न आए। अब जब यूजीसी ने साफ कर दिया है, तो भविष्य को लेकर आत्मविश्वास बढ़ा है।”

निष्कर्ष

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