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Bihar Election 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव में चलने वाला है ट्रिपल M फैक्टर, जानें क्या है ये जिस पर होगा खेला

बिहार विधानसभा चुनाव में चलने वाला है ट्रिपल M फैक्टर, जानें क्या है ये जिस पर होगा खेला

बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारियां तेज हो गई हैं। हर पार्टी अपने चुनाव प्रचार को तेज करने में जुटी हुई है। इस बार बीजेपी का फोकस महिला, मंदिर और मोदी यानी एमएमएम फैक्टर पर है। इसी फैक्टर को ध्यान में रखते हुए बिहार सरकार ने पिछले कुछ दिनों में महिलाओं से जुड़ी कई बड़ी घोषणाएं भी की हैं। वहीं, बीजेपी भी इसी फैक्टर को ध्यान में रखते हुए अपनी कुछ योजनाएं तैयार कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ताबड़तोड़ रैलियों से लेकर माता-सीता के भव्य मंदिर और फिर उसके निर्माण की घोषणा तक राज्य में पेंशन, विवाह मंडप, बाहर रहने वाले लोगों को त्योहारों का निमंत्रण समेत कई बड़ी घोषणाएं की गई हैं। इसके जरिए बीजेपी और जेडीयू ने मिलकर एक खास कहानी गढ़ने की कोशिश की है। अपनी घोषणाओं के जरिए एनडीए का फोकस अपने कोर वोटरों को लुभाने और लुभावने वादों के जरिए लोगों को अपने खेमे में लाने पर है। पीएम मोदी का आगामी बिहार दौरा
पीएम मोदी 15 जुलाई से 15 सितंबर तक बिहार के सभी 9 प्रमंडलों में रैलियां करेंगे। पीएम मोदी के इस दो महीने के मैराथन दौरे से पहले ही वे बिहार के मधुबनी, बिक्रमगंज और सीवान में जनसभाएं कर चुके हैं। अगले ढाई महीने में उनकी 10 से ज्यादा बार बिहार आने की योजना है। वहीं सीतामढ़ी में माता सीता के भव्य मंदिर की भी घोषणा की गई है, जिसका डिजाइन सीएम नीतीश कुमार ने जारी किया है। गृह मंत्री अमित शाह भी अपनी जनसभाओं में कई बार माता सीता के मंदिर का जिक्र कर चुके हैं।

मंदिरों और महिलाओं पर बीजेपी का फोकस

इसके जरिए बीजेपी मंदिरों और महिला वोटरों दोनों पर फोकस कर रही है। खासकर पिछले कुछ चुनावों में महिलाएं बीजेपी और जेडीयू के साथ मजबूती से खड़ी रही हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए सीएम नीतीश कुमार ने कुछ योजनाओं की घोषणा भी की है। सबसे पहले लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा किया गया। बिहार सरकार ने विधवा और वृद्धाश्रम पेंशन की राशि 400 रुपये से बढ़ाकर 1100 रुपये करने की घोषणा की।

बिहार सरकार की आजीविका परियोजना
इसके बाद महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए बिहार सरकार ने आजीविका परियोजना से जुड़े दो अहम फैसले लिए। आजीविका परियोजना के तहत स्वयं सहायता समूहों को 3 लाख रुपये से अधिक के बैंक लोन पर अब सिर्फ 7 फीसदी ब्याज देने का फैसला किया गया है, जो पहले 10 फीसदी ब्याज पर मिलता था। राज्य सरकार ने आजीविका से जुड़े सभी कर्मियों का मानदेय दोगुना करने का फैसला किया है। इन कर्मियों के मानदेय में अतिरिक्त राशि का वहन राज्य सरकार खुद करेगी।

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