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भोपाल के गोविंदपुरा तहसीलदार दिलीप कुमार चौरसिया को हाई कोर्ट की कड़ी फटकार, लोकायुक्त से संपत्ति जांच का आदेश

भोपाल के गोविंदपुरा तहसीलदार दिलीप कुमार चौरसिया को हाई कोर्ट की कड़ी फटकार, लोकायुक्त से संपत्ति जांच का आदेश

भोपाल के गोविंदपुरा तहसीलदार दिलीप कुमार चौरसिया को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने उनकी कार्यशैली को लेकर कड़ी फटकार लगाई है। जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस दिनेश कुमार पालीवाल की खंडपीठ ने तहसीलदार के कामकाज पर सवाल उठाते हुए कहा, “तुम्हें हम उदाहरण बनाएंगे।” अदालत ने इस बयान के साथ तहसीलदार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी।

तहसीलदार की कार्यशैली पर सवाल

हाई कोर्ट ने दिलीप कुमार चौरसिया की कार्यशैली को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की। अदालत ने यह भी कहा कि इस तरह की कार्यशैली से न केवल सरकारी तंत्र की छवि खराब होती है, बल्कि यह लोकहित के खिलाफ भी है। कोर्ट ने तहसीलदार की भूमिका और कार्यों को लेकर कई गंभीर सवाल उठाए और उसे तत्काल सुधारने के आदेश दिए।

संपत्ति की जांच का आदेश

कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि लोकायुक्त तहसीलदार दिलीप कुमार चौरसिया की संपत्ति की जांच करे। इसके साथ ही, भोपाल कलेक्टर को तीन महीने के भीतर विभागीय जांच रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया गया। कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि इस मामले में हर पहलू की गंभीरता से जांच की जाएगी और यदि किसी प्रकार की गड़बड़ी पाई जाती है, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

अदालत का संदेश

यह आदेश सरकारी अधिकारियों के लिए एक चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है कि अदालतें प्रशासनिक कार्यों की निगरानी कर रही हैं और किसी भी प्रकार की भ्रष्टाचार या लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि न्यायपालिका प्रशासनिक मामलों में भी सक्रिय रूप से हस्तक्षेप करती है और अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करती है, यदि वे अपनी जिम्मेदारियों में लापरवाह होते हैं।

आगे की कार्रवाई

अब इस मामले की जांच शुरू हो चुकी है, और तहसीलदार की संपत्ति की जांच के बाद आगामी कार्रवाई की दिशा तय की जाएगी। विभागीय जांच रिपोर्ट में यदि कोई गंभीर अनियमितताएं पाई जाती हैं, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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