एमपीसीए अध्यक्ष बने महानआर्यमन सिंधिया, अब जीडीसीए की नई कार्यकारिणी पर टिकी निगाहें
मध्य प्रदेश क्रिकेट संगठन (एमपीसीए) में हाल ही में महानआर्यमन सिंधिया निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए हैं। इस महत्वपूर्ण बदलाव के बाद अब ग्वालियर डिवीजन क्रिकेट एसोसिएशन (जीडीसीए) की नई कार्यकारिणी के गठन को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। क्रिकेट प्रेमियों और खिलाड़ियों की निगाहें अब जीडीसीए की प्रस्तावित चुनावी साधारण सभा (एजीएम) पर टिकी हुई हैं, जो इसी महीने आयोजित होने की संभावना है।
एमपीसीए में सिंधिया की मजबूती
महानआर्यमन सिंधिया, जो केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के पुत्र हैं, को एमपीसीए में निर्विरोध अध्यक्ष बनाए जाने से क्रिकेट संगठन में उनके प्रभाव को और मजबूती मिली है। वे पिछले कुछ समय से लगातार क्रिकेट प्रशासन से जुड़े मामलों पर सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं और अब उनकी जिम्मेदारी प्रदेश स्तर पर और भी बढ़ गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि सिंधिया परिवार का ग्वालियर और मध्य प्रदेश के क्रिकेट में ऐतिहासिक योगदान रहा है, जिसे महानआर्यमन नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ा रहे हैं।
जीडीसीए में तैयारियाँ
ग्वालियर डिवीजन क्रिकेट एसोसिएशन (जीडीसीए) की चुनावी एजीएम इसी महीने होने जा रही है। संभावना जताई जा रही है कि महानआर्यमन सिंधिया अपने विदेश दौरे से लौटने के बाद विशेष बैठक कर जीडीसीए की नई कार्यकारिणी के पदाधिकारियों की घोषणा करेंगे। इस प्रक्रिया में पुराने और नए चेहरों का संतुलन देखने को मिल सकता है। स्थानीय स्तर पर क्रिकेट से जुड़े कई दिग्गज और युवा पदाधिकारी अपनी दावेदारी पेश करने की तैयारी में हैं।
खिलाड़ियों की उम्मीदें
ग्वालियर संभाग के क्रिकेट खिलाड़ियों को नई कार्यकारिणी से खास उम्मीदें हैं। लंबे समय से खिलाड़ियों की यह मांग रही है कि उन्हें बेहतर सुविधाएँ और अधिक अवसर उपलब्ध कराए जाएं। सिंधिया के नेतृत्व में एमपीसीए और जीडीसीए की कार्यकारिणी से यह उम्मीद की जा रही है कि घरेलू क्रिकेट को नई दिशा मिलेगी और नए खिलाड़ियों को राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलेगा।
राजनीतिक रंग भी हावी
क्रिकेट संगठनों के चुनावों में अक्सर राजनीति की छाया देखने को मिलती है। ग्वालियर जैसे राजनीतिक रूप से अहम शहर में जीडीसीए का चुनाव भी इससे अछूता नहीं है। हालांकि, महानआर्यमन सिंधिया के निर्विरोध चुने जाने से संकेत मिल रहे हैं कि संगठन में सर्वसम्मति और सामंजस्य का माहौल बनाया जा रहा है। यदि यही स्थिति जीडीसीए में भी बनी रही तो पदाधिकारी निर्विरोध चुने जा सकते हैं।
भविष्य की चुनौतियाँ
नई कार्यकारिणी के गठन के बाद सबसे बड़ी चुनौती ग्वालियर और संभाग के अन्य जिलों में क्रिकेट के बुनियादी ढांचे को मजबूत करना होगा। खिलाड़ियों के लिए स्टेडियम, प्रैक्टिस नेट, आधुनिक सुविधाएँ और नियमित प्रतियोगिताएँ उपलब्ध कराना प्रमुख प्राथमिकताएँ रहेंगी। साथ ही स्थानीय स्तर पर अंपायरिंग, कोचिंग और प्रशासनिक पारदर्शिता सुनिश्चित करना भी नई टीम के लिए अहम होगा।

