एम्स भोपाल बनाएगा देश की पहली रोगी-विशिष्ट थ्रीडी मॉडल गैलरी, मेडिकल इनोवेशन की दिशा में बड़ा कदम
भोपाल स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS Bhopal) देश में चिकित्सा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम उठाने जा रहा है। एम्स भोपाल अब रोगी-विशिष्ट थ्रीडी मॉडल गैलरी (Patient-Specific 3D Model Gallery) की स्थापना करने की तैयारी में है, जो भारत में अपने आप में पहली बार होगा। इस पहल से न केवल इलाज की सटीकता और गुणवत्ता बढ़ेगी, बल्कि मेडिकल शिक्षा और सर्जरी की योजना बनाने में भी क्रांतिकारी परिवर्तन आएगा।
एम्स भोपाल के अधिकारियों के मुताबिक, यह थ्रीडी मॉडल गैलरी एक अत्याधुनिक सुविधा होगी, जिसमें प्रत्येक मरीज के शरीर की संरचना के अनुसार थ्रीडी प्रिंटिंग तकनीक से उनके अंगों या प्रभावित हिस्सों का सटीक मॉडल तैयार किया जाएगा। यह मॉडल डॉक्टरों को जटिल से जटिल सर्जरी की योजना बनाने और सर्जरी को बिना किसी गलती के सफलतापूर्वक अंजाम देने में मदद करेगा।
इलाज में सटीकता और पारदर्शिता बढ़ेगी
इस पहल के माध्यम से मरीजों को उनके रोग और सर्जिकल प्रक्रिया को समझाने में भी बड़ी आसानी होगी। थ्रीडी मॉडल के जरिए मरीज और उनके परिजन यह देख पाएंगे कि किस हिस्से में समस्या है और सर्जरी कैसे की जाएगी। इससे पारदर्शिता भी बढ़ेगी और इलाज के प्रति मरीज का भरोसा भी मजबूत होगा।
मेडिकल छात्रों को मिलेगा एडवांस लर्निंग का अवसर
यह गैलरी एम्स भोपाल में पढ़ने वाले मेडिकल छात्रों के लिए भी बहुत उपयोगी साबित होगी। छात्र अब वास्तविक केस आधारित थ्रीडी मॉडल पर अध्ययन कर सकेंगे। इससे उनकी सैद्धांतिक और व्यावहारिक जानकारी में बड़ा इजाफा होगा। यह सुविधा मेडिकल एजुकेशन को एक नई ऊंचाई देने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।
सर्जरी प्लानिंग में होगा बड़ा बदलाव
थ्रीडी मॉडल तकनीक से डॉक्टर सर्जरी की योजना पहले से बना सकेंगे और हर पहलू को अच्छे से समझ सकेंगे। यह तकनीक विशेष रूप से उन मामलों में बेहद उपयोगी है, जहां अंगों की बनावट सामान्य नहीं होती या रोग जटिल होता है, जैसे ट्यूमर सर्जरी, हृदय या न्यूरो सर्जरी आदि। इस तकनीक के जरिए जटिल ऑपरेशनों की सफलता दर बढ़ेगी और मरीज को जल्दी रिकवरी का लाभ मिलेगा।
देश में पहली बार किसी संस्थान में होगी यह सुविधा
भारत में इस तरह की थ्रीडी गैलरी अब तक किसी मेडिकल संस्थान में मौजूद नहीं है। एम्स भोपाल की यह पहल देशभर के अन्य मेडिकल संस्थानों के लिए उदाहरण बन सकती है और भविष्य में इसे राष्ट्रीय स्तर पर लागू किया जा सकता है।
एम्स भोपाल की यह योजना फिलहाल अंतिम चरण में है और जल्द ही इसे लॉन्च करने की तैयारी की जा रही है। इस मेडिकल इनोवेशन से न केवल मध्यप्रदेश, बल्कि पूरे देश को चिकित्सा के क्षेत्र में नई दिशा मिलेगी।

