राजगढ़ में सड़क हादसे के बाद पुलिस की लापरवाही से उठे सवाल, घायल तड़पते रहे – कार्रवाई में जुटी रही पुलिस

मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले से एक बेहद चौंकाने वाला और मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। बुधवार को कुरावर नगर से तलेन स्टेट हाइवे पर दो बाइक सवारों के बीच आमने-सामने की टक्कर हो गई, जिसमें चार युवक घायल हो गए। हादसे में दो युवक गंभीर रूप से घायल हुए और वे सड़क पर तड़पते रहे, लेकिन मौके पर पहुंची पुलिस उन्हें समय रहते अस्पताल पहुंचाने के बजाय कागजी कार्रवाई और पंचनामा में व्यस्त रही। इस घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें घायल युवक दर्द से तड़पते हुए नजर आ रहे हैं, जबकि कुछ दूरी पर पुलिस सिर्फ मुआयना करती दिख रही है। इससे पुलिस की संवेदनहीनता और लापरवाही को लेकर सवाल उठने लगे हैं।
कहां हुआ हादसा?
यह हादसा तलेन स्टेट हाईवे पर जायसवाल किराना स्टोर के पास हुआ। बताया जा रहा है कि दोनों बाइक पर सवार युवक कुरावर से शहर की ओर आ रहे थे, जब उनकी आमने-सामने भिड़ंत हो गई। तेज रफ्तार और सड़क की खराब स्थिति को भी इस दुर्घटना के पीछे की वजह माना जा रहा है।
हादसे में घायल युवक कौन हैं?
रिपोर्ट के मुताबिक, इस भीषण हादसे में घायल हुए चार युवकों की पहचान इस प्रकार हुई है:
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इलियास खां, पिता बाबू खां, उम्र 36 वर्ष
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जहीर खां, पिता जोहर खां, उम्र 25 वर्ष
(दोनों निवासी ललोती थाना कुरावर, जिला राजगढ़)
बाकी दो युवकों की पहचान देर शाम तक नहीं हो पाई थी, लेकिन सभी को गहरी चोटें आई हैं और दो की हालत गंभीर बनी हुई है।
तड़पते रहे घायल, पुलिस रही व्यस्त पंचनामा में
सबसे चिंताजनक बात यह है कि घटना के तुरंत बाद आसपास के लोगों ने पुलिस को सूचना दी और मदद के लिए गुहार भी लगाई, लेकिन मौके पर पहुंची पुलिस एम्बुलेंस बुलाने या घायलों को अस्पताल पहुंचाने के बजाय कागजों की कार्रवाई करने में जुट गई। स्थानीय लोगों का कहना है कि जब पुलिस आई, तब इलियास और जहीर गंभीर हालत में सड़क पर तड़प रहे थे। उन्हें फौरन अस्पताल ले जाया जाना चाहिए था, लेकिन पुलिस ने अपनी गाड़ी में लादने से भी इनकार कर दिया और पंचनामा व मुआयना करने लगी। यही नहीं, कई मिनट तक किसी प्रकार की मेडिकल सहायता नहीं पहुंचाई गई।
वायरल वीडियो ने खोली पोल
घटना का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें देखा जा सकता है कि दो युवक खून से लथपथ सड़क पर पड़े हैं और तड़प रहे हैं, लेकिन पुलिस महज खड़ी है और मुआयना कर रही है। यह वीडियो स्थानीय लोगों द्वारा शूट किया गया है और सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद प्रशासन की आलोचना शुरू हो गई है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब पुलिस की प्राथमिक जिम्मेदारी मानव जीवन की रक्षा करना होती है, तब इस तरह की बेरुखी और असंवेदनशीलता कैसे बर्दाश्त की जा सकती है?
स्थानीय लोगों का फूटा गुस्सा
घटना के बाद इलाके में जन आक्रोश देखने को मिला। लोगों ने कहा कि अगर घायलों को समय पर अस्पताल पहुंचाया गया होता, तो शायद उनकी हालत इतनी न बिगड़ती। एक चश्मदीद ने कहा:"हमने कई बार पुलिस से कहा कि उन्हें पहले अस्पताल पहुंचाएं, बाद में कागज भरना। लेकिन पुलिस अफसर कहते रहे कि पहले पंचनामा ज़रूरी है। क्या जान से ज्यादा जरूरी है कार्रवाई?"
प्रशासन की सफाई और जांच की मांग
वायरल वीडियो के बाद अब मामला तूल पकड़ने लगा है। पुलिस विभाग ने आंतरिक जांच का भरोसा दिया है और कहा है कि लापरवाही साबित होने पर जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाएगी। वहीं, स्थानीय सामाजिक संगठनों और जनप्रतिनिधियों ने उच्च स्तरीय जांच और संबंधित पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करने की मांग की है।