नौ साल बाद सरकारी कर्मचारियों की पदोन्नति का रास्ता साफ, नए नियमों पर कैबिनेट में मुहर लगेगी

मध्य प्रदेश के सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए प्रमोशन का इंतजार अब खत्म होने वाला है। प्रदेश सरकार ने नौ साल से लंबित पदोन्नति प्रक्रिया को शुरू करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। सामान्य प्रशासन विभाग ने इसके लिए नए नियम तैयार कर लिए हैं, जिन्हें मंगलवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट बैठक में अनुमति के लिए प्रस्तुत किया जाएगा।
कैबिनेट बैठक में मिलेगी अंतिम मंजूरी
सूत्रों के अनुसार, मंगलवार को मंत्रालय में सुबह 11 बजे होने वाली कैबिनेट बैठक में यह प्रस्ताव प्रमुख एजेंडे में शामिल है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पिछली बैठक में ही अधिकारियों को निर्देश दिया था कि प्रमोशन नीति को लेकर ठोस प्रस्ताव लाया जाए।
लंबे समय से अटका है प्रमोशन
प्रदेश में आरक्षण विवाद और कानूनी पेचीदगियों के चलते करीब नौ वर्षों से शासकीय सेवकों की पदोन्नति प्रक्रिया ठप पड़ी थी। इस दौरान हजारों कर्मचारी प्रोन्नति से वंचित रह गए, जिससे प्रशासनिक ढांचे में भी असंतुलन की स्थिति बनी।
नए नियमों में क्या है खास?
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प्रमोशन में आरक्षण से जुड़ी शर्तों को संविधान और न्यायालय के निर्देशों के अनुरूप बनाया गया है।
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पात्रता, वरिष्ठता और कार्य मूल्यांकन को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है।
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नए नियम लागू होते ही विभिन्न विभागों में रुकी हुई पदोन्नति प्रक्रिया को तेज़ी से शुरू किया जाएगा।
कर्मचारियों में उत्साह
सरकारी कर्मचारियों और उनके संगठनों में इस खबर से खुशी और उत्साह का माहौल है। उनका कहना है कि यह कदम लंबे समय से रुके हुए करियर ग्रोथ और प्रशासनिक सुधार की दिशा में अहम साबित होगा।
अगर कैबिनेट से मंजूरी मिल जाती है, तो मध्य प्रदेश में जल्द ही हजारों अधिकारियों-कर्मचारियों की पदोन्नति प्रक्रिया शुरू हो सकती है, जो न केवल प्रशासनिक कार्यक्षमता को बढ़ाएगी, बल्कि कर्मचारियों के मनोबल को भी मजबूती देगी।