दिन में दर्जी रात को बन जाता था खूनी शिकारी... 9 साल में 34 कत्ल! भोपाल के सीरियल किलर आदेश खामरा के बेटा भी बाप की राह पर चला

आदेश कामरा, जो उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले का रहने वाला था, मध्यप्रदेश के मंडीदीप इलाके में रहता था। वह दिन में एक सामान्य दर्जी का काम करता था, लेकिन रात होते ही वह ट्रक ड्राइवरों और उनके क्लीनरों को निशाना बनाकर उन्हें नशीला खाना खिलाकर उनकी बेरहमी से हत्या कर देता था। आठ साल तक उसने करीब 33 लोगों की हत्या की, जिनमें से ज्यादातर उसके शिकार ट्रक ड्राइवर और क्लीनर थे। उसकी इस क्रूरता का राज तब खुला जब भोपाल के नजदीक एक हत्या की वारदात से पुलिस को सुराग मिला और उसके बाद उसे यूपी के जंगल से गिरफ्तार किया गया। आदेश कामरा की वजहें भी विचित्र थीं—उसका दावा था कि वह ट्रक ड्राइवरों और क्लीनरों की कठिन जिंदगी से उन्हें “मोक्ष” दिलाने के लिए उनकी हत्या करता था। उसकी हत्या की योजना इतनी चालाकी से होती थी कि पुलिस आठ साल तक उसे पकड़ नहीं पाई।
गुरु से मिली अपराध की कला
आदेश ने अपने अपराध के तरीकों को अपने “गुरु” कहे जाने वाले अशोक खांबरा से सीखा था, जो ट्रक लूटने वाले गिरोह का सरगना था। आदेश ने फिल्मी स्टाइल में कई वारदातों को अंजाम दिया और अपनी पहचान छुपाकर रखा।
जेल की जिंदगी और बदलाव
आदेश कामरा अब भोपाल की सेंट्रल जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है। जेल में वह अब धार्मिक किताबें पढ़ता है और उसका व्यवहार बदल गया है। कभी-कभी उसकी पत्नी और बेटा उससे मिलने आते हैं, लेकिन कोई अन्य रिश्तेदार नहीं आता।
शुभम कामरा की खूनी करतूत
आदेश कामरा के बेटे शुभम कामरा भी अपने पिता की राह पर चलते हुए अपराध की दुनिया में उतर गया है। भोपाल के मिसरोद इलाके में शराब कंपनी में काम करने वाले कृपाराम राजपूत से मामूली विवाद के कारण शुभम ने अपने चार साथियों के साथ मिलकर उसकी बेरहमी से पिटाई की, जिससे कृपाराम की मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस ने शुभम को गिरफ्तार कर लिया है।
निष्कर्ष
यह कहानी इस बात की सच्चाई दिखाती है कि कैसे एक परिवार का काला इतिहास अगली पीढ़ी को भी प्रभावित कर सकता है। आदेश कामरा की क्रूरता ने उसे जीवन भर जेल की सलाखों के पीछे डाल दिया, लेकिन उसका बेटा शुभम भी अब कानून की पकड़ में है, जिससे साफ होता है कि अपराध का सिलसिला नहीं थम रहा।