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स्कूल शिक्षा की चिंताजनक तस्वीर, प्रदेश के 9वीं कक्षा के 48% छात्र भाषा नहीं समझ पा रहे, गणित और विज्ञान में भी हाल बेहाल

स्कूल शिक्षा की चिंताजनक तस्वीर: प्रदेश के 9वीं कक्षा के 48% छात्र भाषा नहीं समझ पा रहे, गणित और विज्ञान में भी हाल बेहाल

प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को लेकर एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। हाल ही में हुए एक शैक्षणिक मूल्यांकन में पाया गया कि स्कूलों में कक्षा 9 के 48 प्रतिशत विद्यार्थी अपनी भाषा की पाठ्यपुस्तक में लिखा हुआ ठीक से पढ़ और समझ नहीं पा रहे हैं। यह स्थिति सिर्फ भाषा तक ही सीमित नहीं है — गणित और विज्ञान जैसे अहम विषयों में भी विद्यार्थियों का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक है।

पढ़ने और समझने की क्षमता में गिरावट

रिपोर्ट के अनुसार, लगभग आधे छात्र अपनी भाषा की पुस्तक में लिखे पाठ को समझ नहीं पाते। इसका सीधा असर उनके सामाजिक, भावनात्मक और बौद्धिक विकास पर पड़ता है। पढ़ाई के इस बुनियादी स्तर पर पिछड़ना आगे की कक्षाओं में प्रदर्शन को और कमजोर करता है।

गणित: सबसे कमजोर कड़ी

गणित विषय में छात्रों की स्थिति और भी खराब है:

  • 73% छात्रों को ‘प्रतिशत’ निकालना नहीं आता।

  • 69% विद्यार्थी ‘अनुपात’ और ‘दशमलव’ जैसे सवाल हल नहीं कर पाते।

  • 70% छात्रों को ‘पहाड़ा’ तक याद नहीं है, जो गणित की नींव है।

यह स्थिति इस बात का संकेत है कि बेसिक गणितीय समझ की कमी छात्रों को आगे की पढ़ाई में कठिनाई में डाल रही है।

विज्ञान विषय में भी बुनियादी समझ कमजोर

गणित के साथ-साथ विज्ञान विषय में भी छात्रों का बुनियादी ज्ञान कमजोर पाया गया है। छात्रों को साधारण सिद्धांत, प्रक्रिया और प्रयोग समझने में दिक्कत हो रही है। इससे विज्ञान जैसे व्यावहारिक विषय के प्रति छात्रों में उत्साह और जिज्ञासा की कमी देखने को मिल रही है।

क्या कहती है विशेषज्ञों की राय?

शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इस स्थिति की मुख्य वजहें हैं:

  • शिक्षण गुणवत्ता में गिरावट

  • बेसिक कांसेप्ट पर ध्यान न देना

  • पठन-पाठन की आदतों में कमी

  • ऑनलाइन शिक्षा के दौरान आया खालीपन

  • स्कूलों में शिक्षक-छात्र अनुपात में असंतुलन

सरकार और विभाग की भूमिका पर उठ रहे सवाल

इन आंकड़ों के सामने आने के बाद प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। एक ओर सरकार स्कूलों में स्मार्ट क्लास, डिजिटल लर्निंग और नई शिक्षा नीति को लागू करने की बात कर रही है, तो दूसरी ओर बुनियादी शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है।

अब जरूरत है कि सरकार और शिक्षा विभाग:

  • शिक्षकों की नियमित ट्रेनिंग कराएं,

  • बेसिक स्किल पर केंद्रित विशेष कक्षाएं चलाएं,

  • छात्रों के मूल्यांकन के लिए सतत निगरानी प्रणाली बनाएं।

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