मुख्यमंत्री के काफिले की 19 गाड़ियां डीजल में पानी की मिलावट से हुईं बंद, पेट्रोल पंप सील
भोपाल जिले के डोसीगांव स्थित एक पेट्रोल पंप पर मिलावटी डीजल भरे जाने का बड़ा मामला सामने आया है। इस पेट्रोल पंप से मुख्यमंत्री के प्रोटोकॉल में शामिल कुल 19 सरकारी गाड़ियों में डीजल भरवाया गया था, लेकिन कुछ ही दूरी पर पहुंचने के बाद ये सभी वाहन बंद हो गए। तकनीकी जांच के बाद पाया गया कि डीजल में पानी की मिलावट थी। घटना के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया और पेट्रोल पंप को तुरंत सील कर दिया गया।
पेट्रोल पंप पर एफआईआर दर्ज, सीलिंग की कार्रवाई
भारत पेट्रोलियम के मेसर्स शक्ति फ्यूल्स पाइंट पर यह डीजल भरवाया गया था। शिकायत मिलने पर जिला प्रशासन और संबंधित विभागों की संयुक्त टीम ने जांच की। जांच रिपोर्ट में डीजल में पानी की स्पष्ट मिलावट पाई गई, जिसके बाद प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पेट्रोल पंप के संचालक और मैनेजर पर एफआईआर दर्ज की है। साथ ही, पंप को सील कर आपूर्ति को तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है।
मुख्यमंत्री के काफिले की गाड़ियां खड़ी हो गईं, सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
मामले की गंभीरता इस बात से समझी जा सकती है कि यह डीजल मुख्यमंत्री के काफिले में शामिल विशेष वाहनों में भरा गया था। जब ये वाहन रास्ते में बंद हो गए तो सुरक्षा एजेंसियों में अफरा-तफरी मच गई। आनन-फानन में अन्य वाहनों को बुलाकर स्थिति को संभाला गया। इससे मुख्यमंत्री की सुरक्षा को भी खतरा हो सकता था, जिस पर अब उच्च स्तर पर समीक्षा की जा रही है।
पानी कैसे मिला? जांच जारी
प्रशासन की प्रारंभिक जांच के अनुसार, डीजल में पानी की मिलावट जानबूझकर की गई हो सकती है, या फिर भंडारण टैंकों की लापरवाही के चलते बारिश का पानी अंदर घुसा होगा। भारत पेट्रोलियम से भी इस संबंध में जवाब तलब किया गया है और पेट्रोलियम कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों को भोपाल बुलाया गया है। जिले के कलेक्टर ने कहा है कि इस मामले में किसी को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह कंपनी से जुड़ा हो या पंप स्टाफ।
आम जनता भी होती रही है शिकार
इस घटना ने एक बार फिर राज्यभर में मिलावटी ईंधन बेचने वालों की हकीकत को उजागर किया है। कई बार आम नागरिक भी खराब डीजल या पेट्रोल की वजह से वाहन खराब होने और आर्थिक नुकसान का शिकार होते हैं, लेकिन प्रभावशाली शिकायतकर्ता न होने के चलते कार्रवाई नहीं हो पाती। इस बार मामला मुख्यमंत्री के काफिले से जुड़ा होने के कारण प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई की है।
आगे की कार्रवाई
राज्य सरकार ने अब सभी पेट्रोल पंपों की जांच के निर्देश दिए हैं, खासकर उन पंपों की जो सरकारी वाहनों की नियमित आपूर्ति करते हैं। इसके अलावा, ईंधन के सैंपल की जांच और ट्रैकिंग व्यवस्था को मजबूत करने के निर्देश भी दिए गए हैं।

