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111 साल पुरानी रिवॉल्वर बीएसएफ के केंद्रीय शस्त्र और रणनीति स्कूल को दान की गई

111 साल पुरानी रिवॉल्वर बीएसएफ के केंद्रीय शस्त्र और रणनीति स्कूल को दान की गई

एक ऐतिहासिक महत्व की 111 साल पुरानी रिवॉल्वर को बीएसएफ के केंद्रीय शस्त्र और रणनीति स्कूल को दान कर दिया गया है। यह हथियार पहली विश्व युद्ध के दौरान इस्तेमाल किया गया था और एक दुर्लभ संग्रहणीय वस्तु के रूप में माना जाता है।

इस .45 वीब्ली मार्क V रिवॉल्वर का निर्माण वर्ष 1914 में हुआ था। इसे एन एल रुंगटा ने बीएसएफ को सौंपा है। एन एल रुंगटा दिवंगत उद्योगपति सीता राम रुंगटा के पुत्र हैं, जो चाईबासा के एक जाने-माने उद्योगपति थे। चाईबासा वर्तमान में झारखंड राज्य में स्थित है।

रिवॉल्वर का ऐतिहासिक महत्व

यह रिवॉल्वर पहले विश्व युद्ध में इस्तेमाल किया गया था, जो इतिहास में एक महत्वपूर्ण हथियार माना जाता है। इसकी संरक्षा और संरक्षण के लिए इसे बीएसएफ के केंद्रीय शस्त्र और रणनीति स्कूल को दान किया गया है, जहां इसका उपयोग शस्त्र शिक्षा और युद्ध रणनीति के अध्ययन के लिए किया जाएगा।

एन एल रुंगटा का योगदान

एन एल रुंगटा ने कहा कि यह रिवॉल्वर उनके परिवार की विरासत है, जिसे उन्होंने भारतीय सुरक्षा बलों को सौंपने का निर्णय लिया है ताकि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा स्रोत बने। उन्होंने कहा कि उनका परिवार हमेशा से देश की सेवा में विश्वास करता रहा है।

बीएसएफ का आभार

बीएसएफ के अधिकारियों ने इस दान के लिए एन एल रुंगटा और उनके परिवार का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि इस रिवॉल्वर के संरक्षण से जवानों को शस्त्रों का इतिहास जानने और उससे सीखने का अवसर मिलेगा। यह दान बीएसएफ के लिए गौरव की बात है।

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