Samachar Nama
×

'शर्ट की फोटो' निकला 434 करोड़ की ड्रग्स का कोडवर्ड! मैसूरु फैक्ट्री में चल रहा था अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट का पर्दाफाश 

'शर्ट की फोटो' निकला 434 करोड़ की ड्रग्स का कोडवर्ड! मैसूरु फैक्ट्री में चल रहा था अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट का पर्दाफाश 

कर्नाटक के मैसूर में पकड़ी गई 434 करोड़ रुपये की ड्रग्स फैक्ट्री के मामले में साकीनाका पुलिस की जाँच में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पुलिस ने बताया कि इस गिरोह ने महाराष्ट्र में ड्रग्स सप्लाई करने के लिए बेहद अनोखा और गुप्त तरीका अपनाया था। ड्रग्स डील का कोडवर्ड 'शर्ट की तस्वीर' था। पुलिस जाँच के अनुसार, दो अलग-अलग गिरोह ड्रग्स बनाकर महाराष्ट्र में सप्लाई करने का काम कर रहे थे और खास बात यह है कि दोनों गिरोह के सदस्य एक-दूसरे को पहचानते तक नहीं थे। यही इस ऑपरेशन का सबसे खतरनाक और शातिर 'मोडस ऑपरेंडी' था।

कैसे किया जाता था ऑपरेशन?

सूत्रों ने बताया कि एक गुर्गा मैसूर में तैयार एमडी ड्रग्स की खेप बेंगलुरु पहुँचाता था। उसके बाद मुंबई के गिरोह का एक सदस्य पहले ही बेंगलुरु पहुँच जाता था। फिर शर्ट की तस्वीर व्हाट्सएप पर भेजी जाती थी, ताकि खेप लाने वाला व्यक्ति उसी शर्ट को देखकर माल सौंप सके। फिर खेप मिलने के बाद गुर्गे उसे बस से मुंबई लाते थे, जहाँ अलग-अलग सप्लायरों के ज़रिए शहर के कई इलाकों में ड्रग्स फैलाई जाती थी। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, बिश्नोई गिरोह हथियारों की सप्लाई में इस तरह की तकनीक पहले भी अपना चुका है, जहाँ शर्ट की तस्वीर से व्यक्ति की पहचान करके सौदा पूरा हो जाता था और भेजने वाला और लेने वाला एक-दूसरे को जानते तक नहीं थे।

अब इस मामले में इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) की भी एंट्री हो गई है

साकीनाका पुलिस को पता चला है कि इस गिरोह का मुख्य परिवहन साधन सड़क मार्ग ही था। हर खेप मैसूर से बेंगलुरु और फिर बसों और निजी वाहनों से मुंबई पहुँचाई जाती थी, ताकि निगरानी से बचा जा सके।

अब इस मामले में इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) की भी एंट्री हो गई है। सोमवार को आईबी के अधिकारियों ने गिरफ्तार आरोपियों से लंबी पूछताछ की। सूत्रों के मुताबिक, मैसूर की इस ड्रग फैक्ट्री के किसी अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क से जुड़े होने की संभावना है और इसके तार अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की डी-कंपनी से भी जुड़े हो सकते हैं। साकीनाका पुलिस और केंद्रीय एजेंसियां अब इस ऑपरेशन के पीछे की पूरी श्रृंखला और फंडिंग नेटवर्क की तह तक पहुंचने की कोशिश कर रही हैं।

Share this story

Tags