
अधिकारियों ने कहा कि बीमार पड़े लोगों को रायचूर आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) और अरकेरा तथा देवदुर्गा के अन्य अस्पतालों में स्थानांतरित कर दिया गया है। ग्रामीणों ने यह भी दावा किया कि पीने के पानी में सीवेज का पानी मिल गया था। एक ग्रामीण ने कहा, पाइप ठीक करने में गलत काम के कारण इस तरह की दुर्घटनाएं बार-बार हो रही हैं। स्थानीय ग्रामीण ग्राम पंचायत के अधिकारियों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगा रहे हैं। मौके पर पहुंचे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी गांव में डेरा डाले हुए हैं। पुलिस ने भी गांव का दौरा किया और अधिकारियों ने पीने के पानी की वैकल्पिक व्यवस्था की है। रायचूर शहर में जून 2022 में कथित रूप से दूषित पानी पीने से तीन लोगों की मौत हो गई और 23 बच्चों सहित 60 से अधिक लोग अस्पताल में भर्ती हुए। तत्कालीन सीएम बसवराज बोम्मई ने दूषित पानी पीने से मरने वाले तीन व्यक्तियों के परिवारों को पांच-पांच लाख रुपये देने की घोषणा की थी। रायचूर जिला राज्य के सबसे पिछड़े जिलों में से एक है।
--आईएएनएस
एकेजे