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देश की ऐतिहासिक और सरकारी इमारतें हमेशा से लोगों का आकर्षण का केंद्र रही हैं। हर किसी की इच्छा होती है कि वह जान सके कि इन भव्य इमारतों को किसने बनवाया, उनके पीछे क्या मंशा रही, और उनका इतिहास क्या है। इसी कड़ी में कर्नाटक की...
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देश की ऐतिहासिक और सरकारी इमारतें हमेशा से लोगों का आकर्षण का केंद्र रही हैं। हर किसी की इच्छा होती है कि वह जान सके कि इन भव्य इमारतों को किसने बनवाया, उनके पीछे क्या मंशा रही, और उनका इतिहास क्या है। इसी कड़ी में कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। अब बेंगलुरु की प्रसिद्ध विधान सौधा इमारत जनता के लिए खुल गई है। मतलब यह कि अब आम लोग भी इस ऐतिहासिक और भव्य इमारत का दौरा कर इसके इतिहास और वास्तुकला को करीब से देख सकेंगे।

1956 में तैयार हुई विधान सौधा

बेंगलुरु स्थित विधान सौधा का निर्माण 1956 में नियो-द्रविड़ियन शैली में पूरा हुआ था। कर्नाटक सरकार ने 1 जून से यहां टूरिस्ट गाइड के नेतृत्व में टूर शुरू करने का ऐलान किया है। पर्यटक अब गाइड के साथ इस भव्य भवन को घूम सकेंगे और इसके इतिहास, कला, और वास्तुकला के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।

विधान सौधा इमारत अपने भव्य आकार, कलात्मक शिल्पकला और ऐतिहासिक महत्त्व के लिए पूरे भारत में प्रसिद्ध है। यह वह जगह है जहां राज्य के विधायक बैठकर नियम-कानून बनाते हैं। हालांकि यह पहली बार नहीं है जब किसी सरकारी इमारत को जनता के लिए खोला गया है। इससे पहले दिल्ली का राष्ट्रपति भवन और मुंबई की नगरपालिका भवन भी आम जनता के लिए खुले हैं।

द्रविड़ और राजस्थानी शिल्पकला का अनोखा मिश्रण

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, विधान सौधा का निर्माण 5000 से ज्यादा कैदियों और 1500 कारीगरों के संयुक्त प्रयास से हुआ था। यह इमारत द्रविड़ और राजस्थानी शिल्पकला का एक सुंदर संगम है। कर्नाटक विधानमंडल की वेबसाइट के अनुसार, इसकी आधारशिला तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 31 जुलाई 1951 को रखी थी। इस इमारत में कुल 172 कमरे हैं, जो इसकी विशालता और भव्यता को दर्शाते हैं।

विधान सौधा पहुंचने का तरीका और टूर की व्यवस्था

विधान सौधा पहुंचने के लिए पर्यटक नम्मा मेट्रो का उपयोग कर सकते हैं। सरकार ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पर्यटकों के लिए 30 लोगों के समूह बनाकर टूर की व्यवस्था की है। एक बार में केवल 30 लोग ही अंदर जाकर एक घंटे तक टूर कर सकते हैं, जिसके दौरान अनुभवी टूर गाइड इमारत के हर महत्वपूर्ण हिस्से की जानकारी देंगे। प्रवेश के लिए किसी भी सरकारी पहचान पत्र की जरूरत होगी। टूर सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक उपलब्ध है।

हर वीकेंड रोशनी से जगमगाएगा विधान सौधा

सरकार ने एक और खास फैसला लेते हुए घोषणा की है कि हर वीकेंड विधान सौधा को विशेष रूप से रोशनी से सजाया जाएगा। शाम 6:30 बजे से रात 10 बजे तक मैसूर पैलेस की तरह इस इमारत को प्रकाश से जगमगाया जाएगा, जिससे पर्यटक और स्थानीय लोग इसकी भव्यता का आनंद उठा सकेंगे। हालांकि, ध्यान देने वाली बात है कि टूर केवल सरकारी छुट्टियों वाले दिनों में ही उपलब्ध रहेगा।

निष्कर्ष

कर्नाटक सरकार द्वारा विधान सौधा को आम जनता के लिए खोलना ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल लोगों को अपनी विरासत के करीब लाता है, बल्कि राज्य की राजनीतिक व्यवस्था के बारे में भी जागरूकता बढ़ाता है। अगर आप बेंगलुरु में हैं या आने वाले हैं, तो इस ऐतिहासिक और भव्य इमारत की सैर करना न भूलें। यहां के शानदार वास्तुकला और इतिहास को समझना निश्चित ही एक यादगार अनुभव होगा।

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