Samachar Nama
×

सैकड़ों मौतें, एक ATM कार्ड और वो लाल ब्लाउज... धर्मस्थला केस में खुला रहस्यों का पिटारा, नकाबपोश गवाह के वकील ने तोड़े सन्नाटे

सैकड़ों मौतें, एक ATM कार्ड और वो लाल ब्लाउज... धर्मस्थला केस में खुला रहस्यों का पिटारा, नकाबपोश गवाह के वकील ने तोड़े सन्नाटे

कर्नाटक के धर्मस्थल में 15 में से चार जगहों पर एसआईटी ने खुदाई का काम पूरा कर लिया है। लेकिन अभी तक वहाँ से कोई शव नहीं मिला है। खुदाई के समय वह पूर्व सफाई कर्मचारी भी वहाँ मौजूद था, जिसका दावा है कि 1995 से 2014 तक उसने वहाँ अपने हाथों से सैकड़ों शवों को दफनाया था। उसके इसी दावे के बाद एसआईटी ने खुदाई के लिए 15 जगहों का चयन किया था। हालाँकि, पूर्व सफाई कर्मचारी के वकील का दावा है कि एक जगह पर खुदाई के दौरान एक फटा हुआ लाल ब्लाउज, एक एटीएम और एक पैन कार्ड मिला है।

धर्मस्थल में नेत्रवती नदी के किनारे स्थित इस जगह को स्नान घाट कहा जाता है। पिछले 19 सालों में धर्मस्थल में अपने हाथों से सैकड़ों शवों को दफनाने का दावा करने वाले सफाई कर्मचारी ने सोमवार को मामले की जाँच कर रही एसआईटी के सामने 15 जगहों की पहचान की थी। इनमें से पहली जगह पर मंगलवार को खुदाई का काम शुरू हो गया।मंगलवार दोपहर ठीक 12 बजे एसआईटी अधिकारियों, फोरेंसिक टीम, सीन ऑफ क्राइम ऑफिसर्स (एसओसीओ) और मजदूरों ने इस पहली जगह पर खुदाई शुरू की। नकाबपोश गवाह, यानी सफाई कर्मचारी, वकीलों के साथ खुदाई स्थल पर मौजूद थे। शुरुआती दो घंटों तक मजदूरों ने अपने साथ लाए औजारों से खुदाई जारी रखी। इन दो घंटों के दौरान, तीन फीट गहरा गड्ढा खोदा गया। जैसे-जैसे गड्ढा गहरा होता जा रहा था, मौके पर मौजूद सभी लोगों की धड़कनें बढ़ती जा रही थीं।

लेकिन दो घंटे की खुदाई के बाद, मजदूरों को अचानक काम रोकना पड़ा। वजह यह थी कि जैसे ही गड्ढा सिर्फ़ तीन फीट गहरा हुआ, ज़मीन से पानी निकलने लगा। शायद इसकी वजह यह थी कि जिस जगह यह खुदाई हो रही थी, वह नेत्रावती नदी से मुश्किल से दस मीटर की दूरी पर थी। ज़मीन के नीचे से पानी निकलने के कारण अब हाथ से खुदाई करना मुश्किल हो गया था। डीआईजी एमएन अनुचेथ ख़ुद मौके पर मौजूद थे। उनके नेतृत्व में खुदाई का काम शुरू हुआ था। ज़मीन से पानी निकलने के बाद, मौके पर स्थिति का जायज़ा लिया गया और फिर तय हुआ कि आगे की खुदाई के लिए अर्थमूवर की मदद ली जाएगी। अर्थमूवर पहले से ही मौजूद था। कुछ देर बाद, अर्थमूवर की मदद से फिर से खुदाई शुरू हुई।

एक तरफ़ ज़मीन से पानी निकल रहा था और दूसरी तरफ़ रुक-रुक कर हो रही बारिश ने काम को और भी मुश्किल बना दिया। लेकिन खुदाई जारी रही। बीच-बीच में सफ़ाई कर्मचारी से यह भी पूछा जा रहा था कि गड्ढा कितना गहरा खोदना है। उसके निर्देश पर गड्ढा खोदने का काम और भी गहराई तक जारी रहा। सफ़ाई कर्मचारी द्वारा बताई गई पहली जगह पर लगभग 15 फ़ीट गहरा गड्ढा खोदा जा चुका था। लेकिन अब तक कुछ नहीं मिला था।

अब शाम के छह बज चुके थे। मौसम भी खराब हो गया था और अँधेरा होने लगा था। इसके बाद सफ़ाई कर्मचारी से फिर पूछा गया कि क्या शव इससे भी गहरे गड्ढे में दफ़न हैं? सफ़ाई कर्मचारी के इनकार करने पर, आख़िरकार शाम छह बजे 15 फ़ीट गहरा गड्ढा खोदने के बाद खुदाई का काम रोकने का फ़ैसला किया गया। और इस तरह, गवाह, सफ़ाई कर्मचारी द्वारा चिह्नित 15 स्थानों में से, पहली जगह की खुदाई की गई और कुछ भी नहीं मिला। अंदर कोई शव, शव या कंकाल का कोई सबूत नहीं मिला। गवाह की सहमति से, पहली जगह को फिर से मिट्टी से भर दिया गया।

नकाबपोश गवाह के वकील का दावा

हालांकि, खुदाई के पहले दिन के बाद, सफ़ाई कर्मचारी के वकील मंजूनाथ एम ने एक बयान जारी कर दावा किया है कि पहली खुदाई में ही लाल ब्लाउज का एक टुकड़ा, पैन कार्ड और एटीएम कार्ड मिले हैं। बयान के अनुसार, इनमें से एक कार्ड पर एक पुरुष का नाम है जबकि दूसरे कार्ड पर लक्ष्मी नाम लिखा है। वकील मंजूनाथ ने दावा किया है कि ये चीज़ें 2.5 फीट गहरे गड्ढे से मिली हैं। हालाँकि, एसआईटी ने ऐसी किसी भी चीज़ की बरामदगी से इनकार किया है।

पहली खुदाई में शवों का कोई सबूत न मिलने के बावजूद, एसआईटी ने फैसला किया है कि वह सफ़ाई कर्मचारी द्वारा बताए गए बाकी 14 स्थानों की भी खुदाई करेगी। इसके बाद ही आगे की जाँच के बारे में कोई निर्णय लिया जाएगा। फ़िलहाल, गवाह द्वारा चिन्हित शेष 14 स्थानों पर एंटी नक्सल फोर्स, गरुड़ फोर्स, स्पेशल एक्शन फोर्स और कर्नाटक राज्य रिज़र्व पुलिस बल तैनात किए गए हैं। खुदाई की बाकायदा वीडियोग्राफी भी की गई है।

पहले दिन की खुदाई के बाद, मंगलवार को एसआईटी ने गवाह द्वारा बताए गए दूसरे, तीसरे और चौथे स्थान पर खुदाई शुरू की। ये तीनों स्थान भी नेत्रवती नदी के किनारे हैं। पहले इन तीनों स्थानों पर मज़दूरों और फिर मशीनों की मदद से दस फीट से ज़्यादा खुदाई की गई। लेकिन इन तीनों स्थानों से भी कोई शव या कंकाल बरामद नहीं हुआ।

Share this story

Tags