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EOW के नोटिस पर आगबबूला हुए DK शिवकुमार, दिल्ली पुलिस को अदालत में घसीटने की दी चेतावनी 

EOW के नोटिस पर आगबबूला हुए DK शिवकुमार, दिल्ली पुलिस को अदालत में घसीटने की दी चेतावनी 

नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर एक बार फिर राजनीतिक सरगर्मी तेज़ हो गई है। कर्नाटक के डिप्टी सीएम और कांग्रेस के सीनियर नेता डीके शिवकुमार ने इस नोटिस पर कड़ा बयान दिया है। दिल्ली पुलिस की इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (EOW) ने उन्हें नेशनल हेराल्ड मामले से जुड़े सवाल-जवाब के लिए दिल्ली बुलाया था और नोटिस भेजा था। अब कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने इस पर जवाब दिया है। दूसरी ओर, कांग्रेस पार्टी ने इस कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताया है। डीके शिवकुमार ने आरोप लगाया है कि इसके पीछे बीजेपी की बड़ी साज़िश है। नोटिस में उनसे यंग इंडियन कंपनी से जुड़े लेन-देन के बारे में जानकारी मांगी गई है।

नोटिस पर डीके शिवकुमार का बयान
नेशनल हेराल्ड मामले में दिल्ली पुलिस EOW से नोटिस मिलने के बाद कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने नाराज़गी जताई। उन्होंने कहा कि उन्हें बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि उन्हें नोटिस मिलेगा और यह फैसला हैरान करने वाला है। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि इस मामले से जुड़ी जानकारी पहले ही प्रवर्तन निदेशालय (ED) को दी जा चुकी है और ED ने कोर्ट में चार्जशीट भी दाखिल कर दी है। उन्होंने सवाल किया कि जब ED पहले ही चार्जशीट दाखिल कर चुकी है तो दिल्ली पुलिस को इस मामले को दोबारा खोलने की क्या ज़रूरत थी। डीके शिवकुमार ने यह भी कहा कि उन्होंने और उनके भाई ने ED के सभी सवालों के जवाब दे दिए हैं।

उन्होंने कहा कि इस मामले में छिपाने जैसा कुछ नहीं है। डीके शिवकुमार ने इस कार्रवाई को राजनीतिक दबाव और उत्पीड़न बताया और आरोप लगाया कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी का समर्थन करने वाले लोगों को गुमराह करने के लिए इस मामले को दोबारा खोला जा रहा है। उन्होंने कहा, "यह उत्पीड़न है। यह हमारा पैसा है। जब हमने टैक्स दिया है, तो हम इसे किसी को भी दे सकते हैं। PMLA वाला हिस्सा पहले ही क्लियर हो चुका है। हम इस मामले को उठाएंगे और कोर्ट में लड़ेंगे। इसमें कुछ भी गलत नहीं है।"

नोटिस में क्या पूछा गया था?
दिल्ली पुलिस EOW ने 29 नवंबर को डीके शिवकुमार को नोटिस भेजा था। इस नोटिस में उनसे पैसे के लेन-देन, उनके बैकग्राउंड और यंग इंडियन कंपनी से जुड़े लेन-देन के बारे में जानकारी मांगी गई है। उनसे कांग्रेस पार्टी से उनके कनेक्शन के बारे में भी सवाल किए गए हैं। नोटिस के मुताबिक, उन्हें 19 दिसंबर तक यह जानकारी या तो खुद आकर या लिखकर देनी होगी। यह मामला 2013 से चल रहा है। उस समय आरोप लगा था कि यंग इंडियन कंपनी ने नेशनल हेराल्ड अखबार चलाने वाली कंपनी को सिर्फ 50 लाख रुपये में खरीद लिया था, जबकि उसकी असल कीमत करोड़ों में थी।

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