'हड्डियों के 100 टुकड़े, नर कंकाल...साइट नंबर 6 से 11 की खुदाई में मची सनसनी, क्या धर्मस्थल की जमीन छुपाए बैठी थी नरसंहार का राज?
कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ ज़िले के बंगालगुड्डे इलाके में विशेष जाँच दल (एसआईटी) ने सातवें दिन मंगलवार को खुदाई का काम तेज़ कर दिया है। अब तक की कार्रवाई में लगभग 100 हड्डियों के टुकड़े बरामद हुए हैं। इसके साथ ही, साइट संख्या 6 और साइट 11-ए से कंकाल के अवशेष भी मिले हैं। हालाँकि, साइट संख्या 11-ए वह जगह नहीं है जिसे शिकायतकर्ता ने चिह्नित किया था।यह जगह उनके द्वारा बताए गए क्षेत्र के पास है, लेकिन बिल्कुल वैसी नहीं है। एसआईटी हर छोटे-छोटे बिंदु पर सावधानीपूर्वक खुदाई कर रही है।
जानकारी के अनुसार, साइट संख्या 11 पर मंगलवार सुबह खुदाई शुरू की गई। पहले मज़दूरों ने झाड़ियाँ हटाईं और फिर गहरी खुदाई में मदद के लिए मशीनें लगाई गईं। सूत्रों के अनुसार, एसआईटी ने मंगलवार को तीन अलग-अलग जगहों पर खुदाई करने की योजना बनाई थी, ताकि बारिश के बीच भी अगर कोई अहम सुराग या मानव अवशेष मौजूद हों, तो उन्हें आसानी से ढूंढा जा सके। इसके साथ ही, घटनास्थल पर सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है। पुलिस की डॉग स्क्वॉड टीम भी जाँच के लिए मौके पर पहुँच गई है।
एफएसएल रिपोर्ट बताएगी कि ये कंकाल किसके हैं
एसआईटी सूत्रों के अनुसार, यह पूरा अभियान गोपनीय तरीके से चलाया जा रहा है, ताकि भीड़भाड़ और अफरा-तफरी न मचे। फिलहाल, माना जा रहा है कि सोमवार को मिले कंकालों के अवशेष किसी पुरुष के हैं। हालाँकि, अंतिम पुष्टि फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) की रिपोर्ट आने के बाद ही हो पाएगी। फिलहाल, एफएसएल की टीम हड्डियों का वैज्ञानिक परीक्षण कर रही है। जाँच में यह भी पता चला है कि कुछ जगहों से केवल मिट्टी और पत्थर मिले हैं, जबकि अन्य जगहों से हड्डियों के टुकड़े बरामद हुए हैं।
दरगाह की खुदाई में बारिश बनी बड़ी बाधा
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि अब केवल साइट नंबर 12 और 13 पर ही खुदाई बाकी है। इनकी खुदाई के बाद भी, ज़रूरत पड़ने पर अन्य जगहों पर भी खुदाई की जा सकती है। हालाँकि, लगातार हो रही बारिश अब जाँच में बड़ी बाधा बन गई है। गीली मिट्टी के कारण मज़दूरों और मशीनों, दोनों को परेशानी हो रही है। इस बीच, इस मामले को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है। वकीलों का दावा है कि 11-ए साइट से तीन कंकाल मिले हैं। लेकिन पुलिस सूत्रों ने इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया है।
स्थानीय लोगों में भय और चिंता का माहौल
पुलिस के अनुसार, ऐसी बातें सिर्फ़ अफ़वाहें फैलाने के लिए कही जा रही हैं। हाल ही में अवशेष मिलने के बाद यह मामला और भी चर्चा में आ गया है। आसपास के गाँवों और कस्बों में लोग तरह-तरह के कयास लगा रहे हैं। स्थानीय लोगों में भय और चिंता का माहौल है, क्योंकि अभी तक न तो एसआईटी ने बरामद अवशेषों की पहचान की है और न ही उनके मूल स्रोत के बारे में कोई जानकारी साझा की है। इस मामले में अब तक दो गवाह सामने आए हैं। पुलिस उनके बयानों के आधार पर कार्रवाई कर रही है।

