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साहिबगंज में हूल क्रांति दिवस कार्यक्रम के दौरान हिंसा, आदिवासियों और पुलिस में झड़प, बीजेपी ने साधा हेमंत सरकार पर निशाना

साहिबगंज में हूल क्रांति दिवस कार्यक्रम के दौरान हिंसा, आदिवासियों और पुलिस में झड़प; बीजेपी ने साधा हेमंत सरकार पर निशाना

झारखंड के साहिबगंज जिले के भोगनाडीह गांव में रविवार को आयोजित हूल क्रांति दिवस कार्यक्रम के दौरान उस समय तनावपूर्ण स्थिति बन गई, जब आदिवासी समुदाय और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हो गई। इस झड़प में कई लोग घायल हो गए, जिनमें पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। विवाद उस समय शुरू हुआ जब बिना अनुमति कार्यक्रम कर रहे लोगों को पुलिस ने हटाने का प्रयास किया

क्या है मामला?

स्थानीय प्रशासन के अनुसार, भोगनाडीह में कुछ आदिवासी संगठन बिना प्रशासनिक अनुमति के कार्यक्रम आयोजित कर रहे थे। जब पुलिस ने कार्यक्रम को बंद कराने और भीड़ को तितर-बितर करने की कोशिश की, तो लोगों में आक्रोश फैल गया। देखते ही देखते भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया

स्थिति को बेकाबू होता देख पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागने पड़े। झड़प में कई प्रदर्शनकारी और पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं। घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। हालांकि अब स्थिति नियंत्रण में बताई जा रही है, लेकिन क्षेत्र में तनाव का माहौल बरकरार है और पुलिस बल की तैनाती बढ़ा दी गई है।

हूल क्रांति दिवस का महत्व

भोगनाडीह गांव वही स्थान है जहां 1855 में सिद्धो-कान्हू ने अंग्रेजों के खिलाफ ऐतिहासिक हूल क्रांति की शुरुआत की थी। यह दिवस हर साल 30 जून को आदिवासी समुदाय द्वारा बड़े सम्मान और गर्व के साथ मनाया जाता है। इस वर्ष भी बड़ी संख्या में लोग भोगनाडीह पहुंचे थे, लेकिन कार्यक्रम के आयोजन को लेकर प्रशासन और आयोजकों के बीच समन्वय नहीं बन पाया।

बीजेपी ने साधा निशाना

इस घटना को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार पर निशाना साधा है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और अन्य नेताओं ने बयान जारी कर कहा कि, "हेमंत सरकार आदिवासियों की भावनाओं को कुचलने पर आमादा है। जिस दिन झारखंड के अस्तित्व की नींव रखने वाली क्रांति को याद किया जाता है, उस दिन आदिवासियों पर लाठीचार्ज शर्मनाक है।"

भाजपा नेताओं ने पूरे मामले की न्यायिक जांच की मांग की है और दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही है।

प्रशासन का पक्ष

जिला प्रशासन का कहना है कि कार्यक्रम के लिए कोई पूर्व अनुमति नहीं ली गई थी, और कोविड/सुरक्षा प्रोटोकॉल को देखते हुए कार्रवाई करना आवश्यक था। प्रशासन ने यह भी कहा कि भीड़ को शांतिपूर्वक हटाने की कोशिश की गई थी, लेकिन जवाब में हिंसा हुई।

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