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रांची के मारदू गांव में बाघ का सफल रेस्क्यू, 14 घंटे के ऑपरेशन के बाद पिंजरे में बंद

रांची के मारदू गांव में बाघ का सफल रेस्क्यू, 14 घंटे के ऑपरेशन के बाद पिंजरे में बंद

झारखंड के रांची जिले के मारदू गांव में एक घर में घुस आए बाघ को 14 घंटे के लंबे ऑपरेशन के बाद सुरक्षित पिंजरे में बंद कर लिया गया। यह अभियान राज्य के वन्यजीव रेस्क्यू के इतिहास में पहला ऐसा ऑपरेशन था, जिसमें बाघ को जीवित पकड़ने में सफलता मिली। इस रेस्क्यू ऑपरेशन में पलामू टाइगर रिजर्व और रांची वन प्रमंडल की संयुक्त टीम ने अहम भूमिका निभाई।

गांव के स्थानीय लोगों ने जब बाघ को देखा तो तुरंत वन विभाग को सूचित किया। वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और बाघ को पकड़ने के लिए एक विशेष योजना बनाई। 14 घंटे तक चले इस ऑपरेशन में बाघ की स्थिति और गांव की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हर कदम सावधानी से उठाए गए। टीम ने बाघ को पिंजरे में सुरक्षित तरीके से कैद किया, ताकि उसे बिना किसी हानि के जंगल में वापस भेजा जा सके।

रेस्क्यू टीम ने बताया कि बाघ की लंबाई करीब 8 फीट थी, और यह पूरे इलाके में घूमते हुए किसी तरह से गांव में घुस आया था। बाघ के इस गांव में घुसने से क्षेत्र में डर का माहौल बन गया था, लेकिन वन विभाग की मुस्तैदी से बाघ को सुरक्षित रूप से पकड़ने में सफलता मिली।

इस ऑपरेशन की सफलता को वन्यजीव संरक्षण के दृष्टिकोण से एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। वन विभाग ने बाघ की स्थिति का मूल्यांकन किया और बताया कि उसे जल्द ही जंगल में सुरक्षित स्थान पर छोड़ दिया जाएगा।

पलामू टाइगर रिजर्व के अधिकारियों ने बताया कि बाघ को लेकर टीम अब जंगल की ओर रवाना हो चुकी है और इसे एक सुरक्षित स्थान पर छोड़ने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। स्थानीय लोग और वन्यजीव प्रेमी इस सफल रेस्क्यू ऑपरेशन की सराहना कर रहे हैं और उम्मीद जताई जा रही है कि ऐसे ही प्रयासों से राज्य में वन्यजीवों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी।

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