11 जुलाई से सावन की शुरुआत, सुल्तानगंज जाने वाली ट्रेन में नहीं मिल रहे टिकट, रांची-भागलपुर-गोड्डा एक्सप्रेस में स्लीपर से लेकर एसी तक नो रूम

अगले माह 11 जुलाई से सावन माह की शुरुआत होने जा रही है और इसके साथ ही कांवड़ यात्रा और बाबा बैद्यनाथ धाम के दर्शन को लेकर श्रद्धालुओं की भीड़ भी तेज हो गई है। इसी के मद्देनजर धनबाद होकर सुल्तानगंज जाने वाली एकमात्र ट्रेन – रांची-भागलपुर-गोड्डा एक्सप्रेस में भारी दबाव देखा जा रहा है।
रेलवे की आरक्षण प्रणाली में नजर डालें तो 11 जुलाई से 9 अगस्त 2025 तक के अधिकतर दिनों में इस ट्रेन में स्लीपर से लेकर थर्ड एसी तक नो रूम दिखा रहा है। टिकट मिलना बेहद मुश्किल हो गया है।
सुल्तानगंज से कांवड़ यात्रा की शुरुआत
हर साल सावन में सुल्तानगंज से जल भरकर देवघर तक कांवड़ यात्रा करने वाले लाखों श्रद्धालु पूरे देश से आते हैं, जिनमें झारखंड और बिहार के श्रद्धालुओं की संख्या सबसे अधिक होती है।
रांची-भागलपुर-गोड्डा एक्सप्रेस, जो धनबाद होकर गुजरती है, इस रूट की इकलौती ऐसी ट्रेन है जो सुल्तानगंज तक सीधी पहुंच देती है। ऐसे में इस ट्रेन पर पूरे क्षेत्र के श्रद्धालुओं का जबरदस्त दबाव है।
ट्रेनों में भारी वेटिंग, एजेंटों के माध्यम से ब्लॉकिंग की भी आशंका
रेलवे सूत्रों के अनुसार, सावन शुरू होने से पहले ही टिकट बुकिंग में भारी उछाल देखा जा रहा है। खासतौर पर स्लीपर क्लास और थर्ड एसी में 150 से 250 तक वेटिंग चल रही है। कई यात्रियों ने यह भी आरोप लगाया है कि एजेंटों द्वारा टिकट ब्लॉकिंग के कारण आम लोगों को बुकिंग में परेशानी हो रही है।
अतिरिक्त ट्रेनों की मांग
स्थानीय यात्रियों और श्रद्धालुओं ने रेलवे से मांग की है कि सावन के दौरान इस भीड़ को देखते हुए अतिरिक्त विशेष ट्रेनों का संचालन किया जाए। इसके अलावा धनबाद से सुल्तानगंज या भागलपुर के लिए सीधी ट्रेन सेवा देने की भी मांग की गई है।
“हर साल यही स्थिति होती है। एक ही ट्रेन है जिससे हम सुल्तानगंज जल भरने जा सकते हैं, लेकिन टिकट मिलना नामुमकिन है,” – एक श्रद्धालु ने नाराजगी जताई।
रेलवे की तैयारी
रेलवे अधिकारी फिलहाल स्थिति की निगरानी कर रहे हैं। संभावना है कि अगर वेटिंग की संख्या लगातार बढ़ती रही तो ईस्टर्न रेलवे या साउथ ईस्टर्न रेलवे की ओर से जल्द स्पेशल ट्रेनों की घोषणा की जा सकती है।