झारखंड के इस गांव में सालभर में 500 से ज्यादा बार गिरती है बिजली, नाम ही पड़ गया 'वज्रमरा'

झारखंड में एक ऐसा गांव है जहां बिजली गिरने की घटनाएं बहुत ज्यादा होती हैं। इस गांव का नाम वज्रमारा है। यह गांव रांची से कुछ किलोमीटर दूर नामकुम ब्लॉक में स्थित है। यहां हर साल 500 से ज्यादा बार बिजली गिरती है। इसलिए इस गांव को झारखंड के सबसे खतरनाक इलाकों में से एक माना जाता है। हम आपको बताएंगे कि गांव का नाम वज्रमारा क्यों पड़ा और यहां इतनी बिजली क्यों गिरती है।
गांव का हर परिवार बिजली गिरने से पीड़ित है
वज्रमारा गांव का नाम ही अपनी कहानी बयां करता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस गांव में साल में 500 से ज्यादा बार बिजली गिरती है। यह कोई अतिशयोक्ति नहीं, बल्कि सच्चाई है। रांची के इस छोटे से गांव में शायद ही कोई ऐसा परिवार हो जो बिजली गिरने से पीड़ित न हुआ हो। किसी की फसल बर्बाद हो गई, किसी के मवेशी मर गए। और कुछ लोगों की जान भी चली गई।
गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि कई साल पहले इस इलाके में इतनी बिजली गिरी थी कि लोगों ने इसका नाम 'वज्रमारा' रख दिया। इसके बाद के सालों में भी यहां लगातार बिजली गिरने की घटनाएं होती रही हैं। यही वजह है कि यह गांव अपनी भौगोलिक स्थिति और अपने नाम की वजह से हमेशा चर्चा में रहता है। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह सिर्फ प्राकृतिक आपदा है या इसके पीछे कोई और वजह है?
पहाड़ों और जंगलों से घिरे होने की वजह से हो रही घटनाएं
वज्रमा में इतनी बिजली गिरने के पीछे कई वैज्ञानिक और भौगोलिक कारण हैं। यह गांव और इसके आसपास का इलाका पहाड़ी और जंगल वाला है। ऊंचे पेड़ और पहाड़ियां बिजली को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बिजली हमेशा ऊंचे और नुकीले स्थानों पर गिरती है। इसके अलावा झारखंड में बंगाल की खाड़ी से आने वाले मानसूनी बादल भी तेज गड़गड़ाहट के साथ आते हैं। इससे बिजली गिरने की संभावना बढ़ जाती है। वज्रमा इलाका इसके लिए ज्यादा संवेदनशील है।