दिशोम गुरु शिबू सोरेन की वैश्विक पहचान: कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में संग्रहित उनकी तस्वीर और झामुमो का चुनाव चिन्ह
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के संस्थापक और झारखंड आंदोलन के प्रमुख नायक दिशोम गुरु शिबू सोरेन की लोकप्रियता न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी व्याप्त थी। शिबू सोरेन की ख्याति और योगदान ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सम्मानित किया, और इसका प्रमाण विश्व प्रसिद्ध कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के संग्रहालय में देखा जा सकता है।
कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के संग्रहालय में दिशोम गुरु शिबू सोरेन की एक तस्वीर और झामुमो का चुनाव चिन्ह 'तीर-कमान' संग्रहित किया गया है। यह कदम उनकी सांस्कृतिक और राजनीतिक विरासत को मान्यता देने का एक संकेत है। यह संग्रह न केवल उनके संघर्ष और योगदान को सम्मानित करता है, बल्कि झारखंड आंदोलन और आदिवासी अधिकारों की लड़ाई को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाने का एक महत्वपूर्ण कदम भी है।
कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में उनके योगदान को प्रदर्शित करने वाली तस्वीर और प्रतीक का संग्रह इस बात का संकेत है कि शिबू सोरेन का प्रभाव सिर्फ झारखंड तक सीमित नहीं था, बल्कि उनकी संघर्षशीलता और नेतृत्व ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी मान्यता दिलवाई। यह उनके जीवन के प्रति श्रद्धा और सम्मान का प्रतीक है, जो उनके अद्वितीय कार्यों और झारखंड के लिए उनकी दी गई समर्पण को दर्शाता है।
उनकी तस्वीर के साथ संग्रहित झामुमो का चुनाव चिन्ह, जो झारखंड के आदिवासी और बहुजन समुदायों के अधिकारों की लड़ाई का प्रतीक है, इस आंदोलन की ऐतिहासिक महत्वपूर्णता को रेखांकित करता है। यह एक संकेत है कि शिबू सोरेन की विचारधारा और संघर्ष अब अंतरराष्ट्रीय इतिहास और समाज के हिस्से के रूप में जीवित रहेगा।

