सरायकेला नगर पंचायत क्षेत्र में पानी की किल्लत बरकरार, despite 25 लाख लीटर जलापूर्ति हर दिन जूझ रहे हैं स्थानीय लोग
जिला मुख्यालय स्थित नगर पंचायत क्षेत्र में पानी की समस्या अब एक नियमित संकट बन गई है। यहां के स्थानीय लोगों को हर दिन पेयजल संकट से जूझना पड़ता है, जबकि पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की ओर से दावा किया जा रहा है कि क्षेत्र में प्रतिदिन सुबह और शाम मिलाकर 25 लाख लीटर से अधिक पानी की आपूर्ति की जा रही है।
जानकारी के अनुसार, विभागीय परिसर में कुल 11 लाख लीटर की भंडारण क्षमता वाली तीन पानी टंकियां मौजूद हैं। इनमें से एक की क्षमता 5 लाख लीटर, दूसरी की 4 लाख और तीसरी की 2 लाख लीटर है। इन टंकियों को दिन में दो बार पानी से भरा जाता है और उससे नगर पंचायत क्षेत्र के विभिन्न मोहल्लों में जलापूर्ति की जाती है। बावजूद इसके, स्थानीय निवासी नलों से पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिलने की शिकायत लगातार कर रहे हैं।
स्थानीय लोगों की शिकायतें बढ़ीं
कई मोहल्लों में लोगों को सप्ताह में महज एक या दो दिन ही भरपूर पानी मिल पाता है, जबकि अन्य दिनों में या तो पानी की धार बहुत धीमी होती है या नल बिल्कुल सूखे रहते हैं। कुछ इलाकों में लोग सुबह तड़के या देर रात तक नलों से पानी टपकने का इंतजार करते रहते हैं। गर्मी और उमस के इस मौसम में पानी की कमी लोगों की परेशानी को और भी बढ़ा रही है।
स्थानीय निवासी रेखा देवी कहती हैं, “हम रोज़ाना पानी के लिए जद्दोजहद करते हैं। कई बार हमें पास के निजी बोरिंग या कुएं से पानी लाना पड़ता है। सरकार कहती है कि पर्याप्त पानी सप्लाई हो रही है, लेकिन हमें नलों से कुछ नहीं मिल रहा।”
पेयजल विभाग का पक्ष
इस संबंध में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि विभाग नियमित रूप से निर्धारित मात्रा में जलापूर्ति कर रहा है। अधिकारी के अनुसार, “तीनों टंकियों में सुबह और शाम कुल मिलाकर लगभग 25 लाख लीटर पानी भरा जाता है और पंप के माध्यम से नगर क्षेत्र में भेजा जाता है। हो सकता है कि कुछ इलाकों में पाइपलाइन क्षतिग्रस्त या जाम हो, जिसकी वजह से पानी का दबाव कम हो रहा हो। इसे लेकर जल्द ही जांच की जाएगी।”
जरूरत है स्थायी समाधान की
विशेषज्ञों का मानना है कि बढ़ती जनसंख्या और बेतरतीब शहरी विस्तार के कारण जल आपूर्ति की मौजूदा व्यवस्था अब नाकाफी साबित हो रही है। पाइपलाइन नेटवर्क की मरम्मत, पानी वितरण प्रणाली के आधुनिकीकरण और जल स्रोतों के पुनरुद्धार की आवश्यकता है, ताकि हर घर तक पर्याप्त और स्वच्छ पानी पहुंचाया जा सके।

