वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद ददई दुबे का निधन, राजनीतिक जगत में शोक की लहर
वरिष्ठ कांग्रेस नेता और झारखंड से पूर्व सांसद ददई दुबे का गुरुवार को दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में निधन हो गया। वे 80 वर्ष के थे और पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। उनके निधन की खबर से राजनीतिक और सामाजिक हलकों में शोक की लहर दौड़ गई है।
ददई दुबे गढ़वा जिले के चोका गांव के रहने वाले थे और राज्य की राजनीति में उनका लंबा और प्रभावशाली योगदान रहा है।
राजनीतिक सफर की झलक
-
ददई दुबे ने कांग्रेस पार्टी से जुड़कर जनता की सेवा का लंबा कार्यकाल पूरा किया।
-
वे लोकसभा सांसद रह चुके हैं और कई बार झारखंड की राजनीति में निर्णायक भूमिका निभाई।
-
उन्हें एक जुझारू नेता, सरल व्यक्तित्व और सामाजिक सरोकारों से जुड़ा जनप्रतिनिधि माना जाता था।
अंतिम दर्शन और श्रद्धांजलि
-
उनके निधन की खबर मिलते ही कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेताओं और झारखंड के कई वरिष्ठ नेताओं ने शोक व्यक्त किया।
-
पार्टी ने ददई दुबे को एक ऐसा नेता बताया, "जिन्होंने हमेशा जनता की समस्याओं को प्राथमिकता दी और जमीन से जुड़कर राजनीति की।"
-
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और झारखंड प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने भी गहरी संवेदना व्यक्त की है।
जनता में गहरा लगाव
ददई दुबे को गढ़वा और आसपास के क्षेत्रों में बेहद सम्मान की नजर से देखा जाता था।
-
उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास जैसे मुद्दों पर हमेशा मुखर होकर आवाज उठाई।
-
उनका व्यवहारिक दृष्टिकोण और जनता से सीधा संवाद उन्हें खास बनाता था।
निधन से रिक्त हुआ एक युग
झारखंड की राजनीति में ददई दुबे का जाना एक युग का अंत माना जा रहा है।
जहां एक ओर राजनीतिक प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है, वहीं ददई दुबे जैसे सिद्धांतवादी नेताओं की कमी अब पहले से कहीं ज़्यादा खलने लगी है।

