जिले में कुड़मी समाज द्वारा रेल रोको आंदोलन की चेतावनी के मद्देनजर जिला प्रशासन ने 19 सितंबर से धारा 144 लागू कर दी है। इस निषेधाज्ञा के तहत रेलवे स्टेशनों और क्रॉसिंग के आसपास जमावड़ा, हथियार प्रदर्शन और सार्वजनिक सभाएं प्रतिबंधित हैं। प्रशासन ने इस कदम का उद्देश्य कानून व्यवस्था बनाए रखना और रेल परिचालन को प्रभावित होने से बचाना बताया।
जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि धारा 144 केवल सार्वजनिक प्रदर्शन और हिंसक गतिविधियों पर लागू होगी। सरकारी कार्यों में लगे लोग और रेल यात्री इससे छूट प्राप्त होंगे। अधिकारियों ने कहा कि रेलवे संचालन को बाधित करने वाले किसी भी प्रयास को गंभीरता से लिया जाएगा और कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने कहा कि निषेधाज्ञा का पालन कराने के लिए रेलवे स्टेशनों, क्रॉसिंग और संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। उन्होंने जनता से अपील की है कि वे प्रशासन की दिशा-निर्देशों का पालन करें और किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि में भाग न लें।
कुड़मी समाज ने रेल रोको आंदोलन के लिए अपना ऐलान करते हुए विभिन्न मांगों को सामने रखा था। हालांकि, प्रशासन ने सार्वजनिक व्यवस्था और रेल यातायात की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए धारा 144 लागू करने का निर्णय लिया। अधिकारीयों का कहना है कि यह कदम आवश्यक था ताकि आंदोलन के दौरान किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।
विशेषज्ञों का कहना है कि धारा 144 जैसी रोक-टोक केवल अस्थायी उपाय हैं, लेकिन यह कानून व्यवस्था बनाए रखने और सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने में प्रभावी साबित होती है। उन्होंने अपील की कि आंदोलनकारी शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगों को प्रशासन तक पहुँचाएं और किसी भी तरह का हिंसक कदम न उठाएं।
स्थानीय नागरिकों ने भी प्रशासन के इस कदम का स्वागत किया है। उनका कहना है कि रेल रोको आंदोलन और हिंसक प्रदर्शन से आम जनता को परेशानी होती है। उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा समय पर निषेधाज्ञा लागू करने से कानून-व्यवस्था बनाए रखने में मदद मिलेगी और यात्री बिना बाधा के अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगे।
रेलवे अधिकारियों ने भी कहा कि धारा 144 लागू होने के कारण यात्री और रेल संचालन सुरक्षित रहेंगे। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों पर सुरक्षा निर्देशों का पालन करें और किसी भी असामाजिक गतिविधि की सूचना तुरंत अधिकारियों को दें।
सरायकेला प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया कि धारा 144 केवल 19 सितंबर से प्रभावी होगी और इसे जरूरत पड़ने पर आगे बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आम जनता को किसी भी तरह के डर या भ्रम में नहीं पड़ना चाहिए और प्रशासन की ओर से जारी आधिकारिक सूचनाओं का पालन करना चाहिए।
इस तरह, कुड़मी समाज के रेल रोको आंदोलन के मद्देनजर सरायकेला जिले में लागू धारा 144 कानून व्यवस्था बनाए रखने और सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है।

