मध्याह्न भोजन योजना पर स्कूलों को हर कार्य दिवस भेजना होगा एसएमएस, नहीं मानने पर होगी कार्रवाई

राज्य सरकार ने मध्याह्न भोजन (एमडीएम) योजना की निगरानी को और प्रभावी बनाने के लिए स्कूलों को प्रत्येक कार्य दिवस पर एसएमएस भेजना अनिवार्य कर दिया है। शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई स्कूल इस निर्देश का पालन नहीं करता है, तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
क्या है निर्देश?
शिक्षा विभाग ने सभी सरकारी और सहायता प्राप्त विद्यालयों को निर्देशित किया है कि वे
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हर कार्य दिवस पर
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मध्याह्न भोजन वितरण से संबंधित एसएमएस विभाग के पोर्टल पर निर्धारित फॉर्मेट में
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निर्धारित समयसीमा के भीतर
भेजें।
इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर दिन स्कूलों में बच्चों को पोषक भोजन मिल रहा है या नहीं, और किसी प्रकार की अनियमितता की तुरंत पहचान हो सके।
निगरानी व्यवस्था होगी सख्त
विभाग ने कहा है कि अब से ब्लॉक और जिला शिक्षा पदाधिकारी स्तर पर भी इस पर निगरानी रखी जाएगी। हर दिन प्राप्त एसएमएस डेटा का विश्लेषण कर रिपोर्ट तैयार की जाएगी और जो स्कूल रिपोर्टिंग नहीं कर रहे हैं उन्हें पहचान कर कारण पूछा जाएगा।
क्या होगी कार्रवाई?
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पहली बार लापरवाही पर चेतावनी,
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बार-बार नियमों के उल्लंघन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई,
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और यदि जानबूझकर डेटा छुपाया गया, तो मुख्याध्यापक/प्रधानाध्यापक पर सेवा नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी।
विभाग का उद्देश्य
शिक्षा विभाग का कहना है कि
"मध्याह्न भोजन योजना बच्चों के पोषण के लिए बेहद अहम है। इसके संचालन में किसी भी प्रकार की लापरवाही न तो बच्चों के हित में है और न ही सरकार की नीति के अनुरूप।"
विभाग ने यह भी जोड़ा कि एसएमएस सिस्टम को पारदर्शिता, जवाबदेही और निगरानी के लिहाज से लागू किया गया है।