
राजधानी रांची में 27 जून से निकलने वाली रथ यात्रा की तैयारियां जोरों पर हैं। मंदिर परिसर की रंगाई-पुताई और सौंदर्यीकरण का काम तेजी से पूरा किया जा रहा है। मुख्य मंदिर के साथ-साथ मौसीबाड़ी में भी रथ यात्रा की तैयारियां चल रही हैं। इधर, मंदिर परिसर में लगने वाले भव्य रथ मेला की भी तैयारी चल रही है। मेले के लिए दुकानें आवंटित करने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। मंदिर समिति जल्द ही मेला आयोजित करने वाली कंपनी को जरूरी कागजात सौंपेगी, जिसके बाद दुकानदारों को जगह आवंटित की जाएगी। भव्य मेला 10 एकड़ से अधिक क्षेत्र में लगेगा। इस मेले में बड़े-बड़े झूले, मीना बाजार, घरेलू सामान, मछली पकड़ने के जाल, विभिन्न वाद्य यंत्र, पारंपरिक मिठाइयां, खेती के औजार, बच्चों के खिलौने, पालतू पक्षी और खरगोश आदि सजाए गए हैं। इसके अलावा मौत का कुआं जैसे मनोरंजन के कई अन्य साधन भी लगाए गए हैं। पिछले साल 1500 से अधिक दुकानें लगी थीं
मेला समिति के पदाधिकारियों के अनुसार पिछले साल 1500 से अधिक दुकानें लगी थीं और इस बार संख्या और बढ़ने की संभावना है। फिलहाल मीना बाजार और झूला संचालक मेला क्षेत्र में पहुंच चुके हैं। मेला आयोजन समिति ने बताया कि 26 जून तक सभी दुकानें सजकर तैयार हो जाएंगी।
नेत्रदान महोत्सव 26 जून को
रथ यात्रा से एक दिन पहले 26 जून को मंदिर को विशेष रूप से सजाया जाएगा और पारंपरिक नेत्रदान महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। रथ यात्रा के दौरान मुख्य मंदिर के साथ मौसीबाड़ी को भी आकर्षक ढंग से सजाया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान जगन्नाथ 9 दिनों तक मौसीबाड़ी में विश्राम करते हैं और फिर रथ यात्रा के साथ मंदिर लौटते हैं।