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palamu सोशल मीडिया पर छलका स्पीकर का दर्द

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झारखण्ड न्यूज़ डेस्क  झारखंड विधानसभा का हंगामेदार मानसून सत्र समाप्त होने  उन्होंने कई मुद्दों पर अपने दिल की बात लिखी है। स्पीकर रवींद्र नाथ महतो ने लिखा है कि आसन पर आक्षेप लगाना सही नहीं है।  के लगभग एक सप्ताह बाद सोशल मीडिया पर स्पीकर पर दर्द छलका है।आसन की उम्र बहुत लंबी है।

उन्होंने लिखा है कि अध्यक्ष की भूमिका कस्टोडियन की होती है उसे आसन कभी-कभी नजरअंदाज भी करता है। मानसून सत्र में नमाज कक्ष आवंटन से लेकर कार्य स्थगन नहीं पढ़ने जैसे कई मुद्दों पर BJP ने स्पीकर की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे। जो सभी सदस्य को साथ लेकर चलता है। इस दौरान कोई संसदीय मर्यादा का उल्लंघन करता है। 

किसी का नाम लिए बिना उन्होंने लिखा है कि मैंने उन्हें नियमावली भी दे  कभी-कभी सदस्य आवेश में आ जाते हैं कभी-कभी सदन में सदस्यों के मन में जनता की भावना इतनी प्रबल होती है कि वे आवेश में बोलते भी हैं। मगर आसन उनकी भावना को समझते हुए उन्हें शांत करने की कोशिश करता है और हमलोग बर्दाश्त करते हैं। दी है कि कैसे और किस तरह से सदन में समस्या उठाई जाती है। नियम संचालन विधि के बारे में भी उन्हें बताया, इसके बावजूद वो संतुष्ट नहीं हुए और वो समस्या उठाना चाह रहे थे।


इस बार 4 दिनों का मानसून सत्र हंगामें की भेंट चढ़ गया था। जनता की गाढ़ी कमाई का फलाफल नहीं निकलता है रवींद्र नाथ महतो ने लिखा है कि तकलीफ हमें इस बात यह है कि जनता की गाढ़ी कमाई से सत्र आहुत कि जाती है मगर कोई परिणाम (फलाफल) नहीं निकला।  एक दिन भी सदन की कार्यवाही सही से संचालित नहीं हो सकी थी।

उन्होंने कहा कि दलित समुदाय से आता हूं, इसलिए स्पीकर ने उनका कार्य स्थगन प्रस्ताव नहीं पढ़ा। अमर बाउरी ने लगाए थे गंभीर आरोप विधानसभा सत्र के आखिरी दिन अमर बाउरी रोते हुए विधानसभा से निकले थे। स्पीकर पर गंभीर आरोप लगाया था।  उन्होंने नोटिस तक नहीं किया। सीधा खारिज कर दिया। उन्होंने कहा था कि आसन कभी इस तरह से व्यवहार नहीं करता है, जिस तरह से पक्षपाती व्यवहार उनके साथ किया गया है। दु:खद है।

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