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धनबाद में 38 हजार से अधिक वाहन इस साल हो जाएंगे सड़क से बाहर, कबाड़ नीति के तहत जब्त हो सकते हैं पुराने वाहन

धनबाद में 38 हजार से अधिक वाहन इस साल हो जाएंगे सड़क से बाहर, कबाड़ नीति के तहत जब्त हो सकते हैं पुराने वाहन

जिले में सड़कों पर दौड़ रहे पुराने वाहनों की संख्या में जल्द ही भारी गिरावट देखने को मिल सकती है। सरकार की वाहन कबाड़ नीति (Vehicle Scrappage Policy) के तहत इस वर्ष धनबाद जिले के कुल 38,507 वाहनों का रजिस्ट्रेशन फेल हो जायेगा। इन वाहनों को अब सड़कों पर चलने की अनुमति नहीं होगी और पकड़े जाने पर जब्त कर लिया जाएगा।

इनमें से 3,745 व्यावसायिक (कमर्शियल) वाहन और 34,762 निजी वाहन शामिल हैं। यह आंकड़ा जिले में पुराने वाहनों की बड़ी संख्या को दर्शाता है, जो न केवल सुरक्षा के लिहाज से बल्कि पर्यावरण के लिए भी खतरा बन चुके हैं।

कबाड़ नीति के तहत 15 साल पुराने वाहनों पर सख्ती

भारत सरकार की ओर से लागू की गई कबाड़ नीति के अनुसार, 15 साल पुराने वाहनों को सड़कों पर चलने की अनुमति नहीं है। ऐसे वाहन न केवल ज्यादा प्रदूषण फैलाते हैं, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ाते हैं। इसलिए सरकार का उद्देश्य इन वाहनों को चरणबद्ध तरीके से सड़कों से हटाना है, ताकि पर्यावरण और यातायात दोनों को सुरक्षित बनाया जा सके।

रजिस्ट्रेशन फेल होने वाले वाहनों का मासिक आंकड़ा

जून 2025 में ही 3,006 वाहनों का रजिस्ट्रेशन फेल होने वाला है, जबकि जनवरी से मई 2025 तक 14,340 वाहन पहले ही इस सूची में आ चुके हैं। साल के अंत तक यह आंकड़ा और बढ़कर कुल 38,507 तक पहुंच जाएगा। यानी कि अगले छह महीनों में और 24,167 वाहन पुराने हो जाएंगे, जिनका रजिस्ट्रेशन मान्य नहीं रहेगा।

क्या है समाधान?

हालांकि सरकार ने वाहन मालिकों को एक विकल्प भी दिया है। यदि वाहन तकनीकी रूप से सड़क पर चलने योग्य है, तो उसका पांच साल के लिए री-रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है। लेकिन इसके लिए कड़े मानक तय किए गए हैं। ऐसे वाहनों को फिटनेस टेस्ट पास करना जरूरी होगा। यदि वाहन फिटनेस मानकों पर खरा नहीं उतरता, तो उसे स्क्रैप करना अनिवार्य होगा।

प्रशासन ने दी चेतावनी

परिवहन विभाग ने साफ किया है कि रजिस्ट्रेशन फेल हो चुके वाहनों को यदि सड़क पर चलते पाया गया, तो सीधे जब्त किया जाएगा और जुर्माना भी लगाया जाएगा। विभाग की विशेष निगरानी टीम इन वाहनों की पहचान के लिए रूटिन चेकिंग अभियान चला रही है।

पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कदम

विशेषज्ञों का मानना है कि यह नीति प्रदूषण नियंत्रण के लिहाज से एक बड़ा कदम है। पुराने वाहन आमतौर पर अधिक धुआं छोड़ते हैं और ईंधन की खपत भी अधिक करते हैं। ऐसे में इन्हें हटाना न केवल पर्यावरण के लिए लाभदायक है, बल्कि ट्रैफिक सिस्टम को भी आधुनिक और सुरक्षित बनाएगा।

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