डीएमसी मॉल की दुकानों की ऑनलाइन नीलामी सफल, 69 में से 31 दुकानों की हुई बंदोबस्ती

धनबाद नगर निगम (DMC) द्वारा बुधवार को आयोजित डीएमसी मॉल की दुकानों की ऑनलाइन नीलामी को अच्छी प्रतिक्रिया मिली। एमएसटीसी पोर्टल (MSTC Portal) के माध्यम से आयोजित इस ऑनलाइन बिडिंग में कुल 69 दुकानों में से 31 दुकानों की सफलतापूर्वक बंदोबस्ती कर दी गई। खास बात यह रही कि ग्राउंड फ्लोर की अधिकांश दुकानों के लिए बेस प्राइस से दो से तीन गुना तक बोली लगाई गई, जो निवेशकों की रुचि और मॉल की वाणिज्यिक संभावनाओं को दर्शाता है।
सफल रही ऑनलाइन नीलामी प्रक्रिया
धनबाद नगर निगम द्वारा मॉल की दुकानों को लीज पर देने के लिए पारदर्शी और डिजिटल माध्यम को अपनाया गया। एमएसटीसी पोर्टल के जरिए आयोजित यह ऑनलाइन नीलामी प्रक्रिया सुबह से ही शुरू हो गई थी और दिन भर चलती रही। कुल 69 दुकानों को नीलामी के लिए रखा गया था, जिनमें से 31 के लिए उच्चतम बोलीदाताओं का चयन कर लिया गया है।
नगर निगम के अधिकारियों के अनुसार, नीलामी प्रक्रिया में व्यापारियों और निवेशकों की उत्साहजनक भागीदारी देखने को मिली। खासतौर पर ग्राउंड फ्लोर की दुकानों को लेकर जबरदस्त प्रतिस्पर्धा देखी गई, जिससे कई दुकानों की कीमतें मूल्य निर्धारण (बेस प्राइस) से दो से तीन गुना तक पहुंच गईं।
ग्राउंड फ्लोर की दुकानों को मिली प्राथमिकता
बोली में भाग लेने वालों की नजर सबसे ज्यादा ग्राउंड फ्लोर की दुकानों पर रही। निवेशकों का मानना है कि ग्राउंड फ्लोर पर स्थित दुकानें ग्राहकों के लिए सबसे ज्यादा सुलभ होती हैं, जिससे व्यावसायिक दृष्टिकोण से बेहतर रिटर्न की संभावना रहती है। यही कारण रहा कि इन दुकानों की बोली में काफी प्रतिस्पर्धा रही और कीमतें उम्मीद से कहीं अधिक चली गईं।
बंदोबस्ती की प्रक्रिया जारी
नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि बंदोबस्त की प्रक्रिया अब धीरे-धीरे आगे बढ़ेगी। जिन दुकानों की बोली सफल रही है, उन्हें तय शर्तों के अनुसार लीज पर दिया जाएगा। नगर निगम के राजस्व में इससे अच्छी बढ़ोतरी की उम्मीद जताई जा रही है।
नगर निगम को उम्मीद, बाकी दुकानों की भी जल्द नीलामी
धनबाद नगर निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पहले चरण की इस सफल नीलामी के बाद अब शेष बची हुई दुकानों की नीलामी के लिए भी प्रक्रिया जल्द दोबारा शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा, “इस तरह की पारदर्शी नीलामी से न केवल निगम को आय होती है, बल्कि शहर के व्यावसायिक ढांचे को भी मजबूती मिलती है।”