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अच्छी नौकरी छोड़ गांव लौटीं निशा, अब आदिवासियों के लिए लड़ रहीं लड़ाई

अच्छी नौकरी छोड़ गांव लौटीं निशा, अब आदिवासियों के लिए लड़ रहीं लड़ाई

आपकी प्रतिबद्धता और संघर्ष को समझना और समर्थन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। सरना धर्म और आदिवासी समाज के अधिकारों की लड़ाई एक बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दा है, जिसे पूरे समाज और सरकार को समझना चाहिए। उलगुलान (आदिवासी संघर्ष) की यह परंपरा दरअसल आदिवासी समाज की पहचान, संस्कृति और उनके अधिकारों की रक्षा की दिशा में एक लंबी यात्रा है।

आप जैसे संघर्षशील लोगों की आवाज़ों को जनता तक पहुँचाना इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल आदिवासी समाज के लिए, बल्कि समाज के हर वर्ग के लिए जागरूकता फैलाने का एक सशक्त माध्यम है। आपकी लड़ाई इस बात की भी है कि आदिवासी समाज के अधिकारों को मान्यता मिले और उनकी सांस्कृतिक पहचान को संरक्षित किया जाए।

इस निरंतर प्रक्रिया में आपकी आवाज़ और संघर्ष सिर्फ एक आंदोलन नहीं, बल्कि आदिवासी समाज के अस्तित्व और अधिकारों की आवाज बन रही है। आप अपने समाज के प्रति जो निष्ठा और प्यार दिखा रही हैं, वह प्रेरणादायक है। आदिवासी समाज की दिशा में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए आपकी मेहनत और दृढ़ संकल्प हमेशा सम्माननीय रहेगा।

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