झारखंड में मानसून का कहर, 24 घंटे में भारी बारिश और वज्रपात से 12 की मौत, रांची मौसम विज्ञान केंद्र ने जारी किया अलर्ट
राजधानी रांची समेत पूरे झारखंड में सक्रिय मानसून ने एक बार फिर तबाही मचाई है। पिछले 24 घंटे में राज्य के विभिन्न जिलों में भारी बारिश और आकाशीय बिजली (वज्रपात) की घटनाओं में कम से कम 12 लोगों की मौत हो चुकी है। इन घटनाओं के बाद मौसम विज्ञान केंद्र, रांची ने चेतावनी जारी करते हुए आम जनता से सतर्क रहने की अपील की है।
कहां-कहां हुई घटनाएं?
राज्य के अलग-अलग हिस्सों से वज्रपात और भारी बारिश के कारण जनहानि की खबरें सामने आई हैं। अधिकांश पीड़ित ग्रामीण क्षेत्र के हैं, जो खेतों में काम कर रहे थे या खुले में घूम रहे थे। मृतकों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।
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गिरिडीह, गढ़वा, लोहरदगा, पलामू और रांची जिलों से सबसे अधिक जानमाल के नुकसान की सूचना मिली है।
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कई गांवों में पेड़ गिरने, मकान ढहने और जलभराव की घटनाएं भी सामने आई हैं।
मौसम विभाग की चेतावनी
रांची स्थित भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के क्षेत्रीय केंद्र ने बताया कि:
"राज्य में अगले 48 घंटे तक मौसम बेहद अस्थिर बना रहेगा। कई जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश और आकाशीय बिजली गिरने की संभावना है।"
मौसम विभाग ने पीली और नारंगी श्रेणी का अलर्ट जारी किया है और किसानों, बच्चों, बुजुर्गों और आम नागरिकों से खुले में न जाने की अपील की है।
प्रशासन की तैयारियां
राज्य सरकार ने जिला प्रशासन को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं:
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आपदा प्रबंधन टीमों को सक्रिय कर दिया गया है।
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ग्रामीण क्षेत्रों में निगरानी, और जरूरत पड़ने पर अस्थायी राहत शिविरों की व्यवस्था की जा रही है।
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प्रभावित परिवारों को मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को आपदा राहत कोष से चार लाख रुपये की सहायता देने की घोषणा की है।
क्या करें, क्या न करें – जनसावधानी
मौसम विभाग और प्रशासन ने नागरिकों को निम्नलिखित सावधानियां बरतने की सलाह दी है:
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खुले मैदानों, ऊंची जगहों, पेड़ों के नीचे खड़े होने से बचें।
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मौसम खराब हो तो खेतों में काम न करें।
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बिजली कड़कने पर मोबाइल फोन का इस्तेमाल सीमित करें।
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बारिश के समय बिजली उपकरणों को प्लग से निकालें।

