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पूर्व मंत्री योगेंद्र साव के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच, हजारीबाग के जिला खनन पदाधिकारी ईडी कार्यालय पहुंचे

पूर्व मंत्री योगेंद्र साव के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच, हजारीबाग के जिला खनन पदाधिकारी ईडी कार्यालय पहुंचे

झारखंड के पूर्व मंत्री योगेंद्र साव के खिलाफ अवैध बालू और कोयला खनन के मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उन्हें और संबंधित अधिकारियों को तलब किया है। इस सिलसिले में हजारीबाग के जिला खनन पदाधिकारी (डीएमओ) अजित कुमार गुरुवार को ईडी कार्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने एजेंसी के अधिकारियों से पूछताछ की।

अवैध खनन के मामले में जांच:

पूर्व मंत्री योगेंद्र साव पर आरोप है कि उन्होंने अवैध बालू और कोयला खनन के कारोबार में संलिप्तता दिखाई थी, जिसमें बड़ी मात्रा में राजस्व का नुकसान हुआ है। इन गतिविधियों से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग के संदर्भ में प्रवर्तन निदेशालय (ED) जांच कर रहा है। ईडी ने इस मामले में धन शोधन (Money Laundering) के तहत कार्रवाई शुरू की है, जिसके तहत कई अधिकारियों और व्यापारियों से पूछताछ की जा रही है।

जिला खनन पदाधिकारी की भूमिका:

हजारीबाग के डीएमओ अजित कुमार की भूमिका इस मामले में महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि उनका दायित्व था कि वे अवैध खनन पर निगरानी रखें और इसकी रोकथाम करें। उन्हें ईडी द्वारा तलब किए जाने के बाद गुरुवार को ईडी कार्यालय में पेश होना पड़ा। यहां उनसे अवैध खनन से संबंधित दस्तावेज़ और विवरण के बारे में जानकारी मांगी गई।

पूर्व मंत्री योगेंद्र साव का विवाद:

पूर्व मंत्री योगेंद्र साव की पार्टी में महत्वपूर्ण स्थिति रही है, लेकिन उनके खिलाफ चल रहे इस मनी लॉन्ड्रिंग मामले ने उनकी छवि को बुरी तरह प्रभावित किया है। वे खनन और बालू व्यापार में कथित तौर पर संलिप्त रहे हैं, जिसके कारण राज्य को राजस्व का नुकसान हुआ है। ईडी की जांच में यह पता लगाया जा रहा है कि इस अवैध व्यापार से जो भी धन अर्जित किया गया, उसका उपयोग कैसे किया गया और इसे किस-किस ने समर्थन दिया।

राजनीतिक और कानूनी चर्चाएं:

इस मामले में राजनीतिक हलकों में भी गर्मागर्म बहस चल रही है। कुछ विरोधी दलों का आरोप है कि राज्य सरकार और खनन विभाग ने जानबूझकर इस अवैध खनन को नजरअंदाज किया, जिससे राज्य को आर्थिक नुकसान हुआ। वहीं, कुछ समर्थक यह दावा कर रहे हैं कि पूर्व मंत्री योगेंद्र साव का नाम केवल राजनीतिक साजिश के तहत घसीटा जा रहा है।

आगे की कार्रवाई:

ईडी ने फिलहाल कुछ दस्तावेज़ और गवाहों के बयान दर्ज किए हैं, और आने वाले दिनों में अधिक अधिकारियों और व्यवसायियों से पूछताछ की संभावना जताई जा रही है। साथ ही, योगेंद्र साव और अन्य आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की भी प्रक्रिया तेज की जाएगी।

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