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 झारखंड में मातृ मृत्यु दर हुआ कम, शिशु मृत्यु दर में भी सुधार, कई राज्यों से बेहतर आयी रिपोर्ट

 झारखंड में मातृ मृत्यु दर हुआ कम, शिशु मृत्यु दर में भी सुधार, कई राज्यों से बेहतर आयी रिपोर्ट

झारखंड में पिछले कुछ सालों में मातृ मृत्यु दर (एमएमआर) में काफी सुधार हुआ है। भारत सरकार ने हाल ही में सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (एसआरएस) रिपोर्ट जारी की है। इसके अनुसार झारखंड में जन्म दर, मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर में सुधार हुआ है। पहले एक लाख में से 56 महिलाएं बच्चे को जन्म देते समय मर जाती थीं, लेकिन अब यह संख्या घटकर 51 रह गई है। झारखंड में मातृ मृत्यु दर कई राज्यों से कम एसआरएस रिपोर्ट के अनुसार झारखंड में मातृ मृत्यु दर कई राज्यों से कम है। झारखंड का एमएमआर राष्ट्रीय औसत से भी काफी बेहतर है। इसके अनुसार असम का एमएमआर 167, बिहार का 100, मध्य प्रदेश का 175 और छत्तीसगढ़ का 132 है। इसी तरह ओडिशा का 135, राजस्थान का 102, यूपी का 151 और 151 है। इन महिलाओं की गणना मातृ मृत्यु दर में की जाती है मातृ मृत्यु दर में गर्भावस्था के दौरान या बच्चे के जन्म के 42 दिनों के भीतर मरने वाली महिलाओं के मामलों की गणना की जाती है। राज्य सरकार के प्रयासों से झारखंड ने लिंगानुपात में सालाना 2 प्रतिशत की वृद्धि का लक्ष्य भी हासिल कर लिया है। समाज कल्याण, महिला एवं बाल विकास तथा सामाजिक सुरक्षा निदेशालय ने अब तक 50 हजार से अधिक जन जागरूकता कार्यक्रम चलाए हैं। इनमें 10 लाख से अधिक बच्चे और उनके अभिभावक शामिल हुए हैं। इनमें कन्या भ्रूण हत्या रोकने, संस्थागत प्रसव, गर्भावस्था पंजीकरण, लड़कियों का स्कूल में नामांकन, स्कूल छोड़ चुकी लड़कियों का पुनः नामांकन, उनका कौशल विकास और मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन आदि के बारे में जानकारी दी गई।

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