बंगाल की खाड़ी में एक बार फिर निम्न दबाव क्षेत्र सक्रिय हो गया है, जिसका प्रभाव सीधे तौर पर झारखंड के मौसम पर पड़ने जा रहा है। मौसम विज्ञान केंद्र रांची ने राज्य के धनबाद समेत अधिकांश हिस्सों में 16 जुलाई तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।
इस ताजा सिस्टम के प्रभाव से झारखंड में अगले कुछ दिनों तक लगातार रुक-रुक कर तेज बारिश, गरज-चमक के साथ बारिश और कुछ इलाकों में जलभराव जैसी स्थिति बन सकती है।
मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में बन रहा यह निम्न दाब क्षेत्र (Low Pressure Area) पश्चिमोत्तर दिशा में बढ़ रहा है, जिसका असर झारखंड, बिहार, ओडिशा और छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों में देखा जाएगा।
विशेष रूप से पूर्वी और मध्य झारखंड — जिसमें धनबाद, बोकारो, गिरिडीह, जमशेदपुर, रांची, देवघर, दुमका और आसपास के इलाके शामिल हैं — में भारी से बहुत भारी वर्षा की आशंका जताई गई है।
नदी-नालों के उफान पर आने की संभावना
भारी बारिश के कारण नदी-नालों के जलस्तर में अचानक वृद्धि हो सकती है। साथ ही, निचले क्षेत्रों में जलजमाव और ग्रामीण इलाकों में कच्चे मकानों को नुकसान की भी संभावना जताई गई है।
प्रशासन को सतर्क रहने और संभावित आपदा से निपटने के लिए तैयारी रखने को कहा गया है।
स्कूलों को लेकर अलर्ट की संभावना
कुछ जिलों में लगातार बारिश और खराब मौसम को देखते हुए जिला प्रशासन स्कूलों में छुट्टी की घोषणा भी कर सकता है, खासतौर पर उन जगहों पर जहां सड़क मार्ग बाधित हो सकता है।
किसानों के लिए राहत, लेकिन सतर्कता जरूरी
बारिश की यह स्थिति राज्य के कृषि कार्यों के लिए वरदान बन सकती है, विशेषकर धान की रोपाई कर रहे किसानों के लिए। लेकिन भारी वर्षा से फसलों को नुकसान की संभावना को नकारा नहीं जा सकता। किसानों को खेतों में जलभराव से बचाव के उपाय करने की सलाह दी गई है।
मौसम विशेषज्ञों की राय
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि यह मौसम प्रणाली मानसून की सक्रियता को और मजबूत करेगी। अगर अगले दो-तीन दिनों तक यह सिस्टम सक्रिय रहा, तो जुलाई महीने में झारखंड में औसत से अधिक वर्षा दर्ज की जा सकती है।
जनता से अपील
प्रशासन और मौसम विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे बेवजह घर से बाहर न निकलें, खासकर बारिश के दौरान जलभराव वाले क्षेत्रों में जाने से बचें। बिजली गिरने और तेज हवाओं की आशंका को देखते हुए खुले मैदानों और पेड़ों के नीचे रुकने से परहेज करें।
निष्कर्षतः, बंगाल की खाड़ी में सक्रिय यह मौसमी सिस्टम अगले कुछ दिनों तक झारखंड को तर-बतर कर सकता है। जहां एक ओर यह बारिश राहत लेकर आ सकती है, वहीं दूसरी ओर इसके खतरे को नज़रअंदाज करना उचित नहीं होगा।

