झारखंड में शराब दुकानों पर लटका ताला, हैंडओवर-टेकओवर प्रक्रिया से उपजी समस्या, राजस्व और उपभोक्ता दोनों परेशान
झारखंड में इन दिनों हैंडओवर-टेकओवर प्रक्रिया के कारण अधिकांश शराब दुकानें बंद पड़ी हैं। इससे जहां उपभोक्ताओं को दिक्कत हो रही है, वहीं राज्य सरकार को राजस्व का नुकसान भी उठाना पड़ रहा है।
क्या है मामला?
राज्य भर में पुराने ठेकेदारों से नई एजेंसियों को दुकानें सौंपने (हैंडओवर-टेकओवर) की प्रक्रिया चल रही है। इस बदलाव के चलते कई जिलों में विक्रय केंद्रों पर संचालन ठप है, क्योंकि नई एजेंसियों ने अब तक जिम्मेदारी नहीं संभाली है या प्रक्रिया अटकी हुई है।
जनता परेशान, ब्लैक मार्केटिंग की आशंका
दुकानों के बंद रहने से शराब की किल्लत हो गई है। कुछ इलाकों में ब्लैक मार्केटिंग और गुपचुप बिक्री की शिकायतें भी सामने आई हैं। उपभोक्ताओं का कहना है कि दुकानों के बाहर बिना किसी सूचना के ताले लटके हैं और उन्हें इधर-उधर भटकना पड़ रहा है।
राजस्व को भी झटका
शराब बिक्री से राज्य सरकार को हर दिन करोड़ों रुपये का राजस्व प्राप्त होता है। दुकानें बंद रहने से प्रत्येक दिन का राजस्व प्रभावित हो रहा है, जिससे राजकोषीय घाटा बढ़ने की आशंका है।
उत्पाद विभाग सक्रिय
इस स्थिति से निपटने के लिए उत्पाद विभाग हर स्तर पर समाधान निकालने में जुटा है। विभागीय सूत्रों के अनुसार:
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संबंधित एजेंसियों को शीघ्र संचालन शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं।
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जिन जिलों में विवाद या अड़चन है, वहां स्थानीय स्तर पर हस्तक्षेप किया जा रहा है।
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कोशिश की जा रही है कि एक सप्ताह के भीतर सभी दुकानें फिर से खुल जाएं।

