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झारखंड के राज्यसभा सांसदों की स्थानीय क्षेत्र विकास निधि में बड़ी लापरवाही, 109 करोड़ में से सिर्फ 45 करोड़ खर्च

झारखंड के राज्यसभा सांसदों की स्थानीय क्षेत्र विकास निधि में बड़ी लापरवाही, 109 करोड़ में से सिर्फ 45 करोड़ खर्च

झारखंड से राज्यसभा के सांसदों द्वारा स्थानीय क्षेत्र विकास (MPLADS) निधि के उपयोग को लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। राज्य के सांसदों को अब तक 109 करोड़ रुपये से अधिक की राशि आवंटित की गई थी, लेकिन इसके महज 41.41% यानी केवल 45 करोड़ रुपये ही अब तक खर्च हो पाए हैं। शेष 64 करोड़ रुपये की राशि बिना उपयोग के पड़ी रह गई है।

यह आंकड़ा न केवल संसदीय कार्यों की निष्क्रियता को उजागर करता है, बल्कि राज्य के विकास कार्यों की रफ्तार पर भी सवाल खड़े करता है। राज्यसभा सदस्यों की यह निधि उनके निर्वाचन क्षेत्रों के विकास के लिए दी जाती है, जिसका उपयोग प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में – जैसे सड़क, शिक्षा, पेयजल, स्वास्थ्य, सामुदायिक भवन, और अन्य मूलभूत सुविधाओं के निर्माण के लिए किया जाता है।

कम खर्च का असर आम जनता पर
झारखंड जैसे राज्य, जहां अब भी कई इलाके बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं, वहां विकास कार्यों के लिए मिलने वाली निधि का पूरी तरह उपयोग न होना चिंताजनक है। ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क, शुद्ध पानी, और स्कूल जैसी जरूरतें अभी भी अधूरी हैं, बावजूद इसके सांसद निधि खर्च न होना विकास की प्राथमिकताओं पर सवाल खड़े करता है।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ
विकास योजनाओं की निगरानी कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता संजय कुमार का कहना है, "यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि इतनी बड़ी राशि जो जनता के हित में उपयोग होनी चाहिए, वह बिना किसी ठोस कारण के खर्च नहीं की जा रही है। सांसदों को जनता की समस्याओं को प्राथमिकता देनी चाहिए और योजनाओं को तेज़ी से लागू करना चाहिए।"

वित्तीय वर्ष खत्म होने को है, राशि लटक सकती है
अगर जल्द ही निधि का उपयोग नहीं किया गया, तो संभावना है कि शेष राशि लैप्स हो जाए या केंद्र सरकार द्वारा वापस ले ली जाए। संसद में पहले भी इस मुद्दे पर चर्चा हो चुकी है कि MPLADS फंड का उपयोग समय पर और पारदर्शी तरीके से क्यों नहीं हो पा रहा है।

राजनीतिक बयानबाजी शुरू
इस खुलासे के बाद विपक्ष ने भी सरकार और सांसदों पर हमला बोलना शुरू कर दिया है। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि भाजपा के राज्यसभा सांसदों ने जनता के हित को नजरअंदाज किया है, जबकि भाजपा की ओर से सफाई दी गई है कि कई योजनाएं तकनीकी कारणों से रुकी हुई हैं, जिन्हें जल्द मंजूरी दी जाएगी।

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