Samachar Nama
×

राजनीतिक उथल-पुथल के दौर से गुजर रहा झारखंड, आदिवासी अस्मिता और सत्ता की जंग

राजनीतिक उथल-पुथल के दौर से गुजर रहा झारखंड: आदिवासी अस्मिता और सत्ता की जंग

झारखंड, जो एक ओर अपनी समृद्ध आदिवासी संस्कृति, खनिज संपदा और प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है, वहीं दूसरी ओर इस समय गंभीर राजनीतिक उथल-पुथल से जूझ रहा है। राज्य की सत्ता में अस्थिरता, गठबंधन सरकारों के अंदरूनी टकराव, और भ्रष्टाचार के आरोपों ने राज्य की सियासत को अशांत बना दिया है।

आदिवासी अस्मिता पर सियासी घमासान

झारखंड की राजनीति में आदिवासी अस्मिता हमेशा एक प्रमुख मुद्दा रही है। लेकिन हाल के वर्षों में यह मुद्दा राजनीतिक हथियार बनता जा रहा है। सत्ताधारी दल जहां आदिवासी हितों के संरक्षण का दावा कर रहे हैं, वहीं विपक्ष उन पर आदिवासियों की उपेक्षा का आरोप लगा रहा है।

भ्रष्टाचार और जांच एजेंसियों की सक्रियता

राज्य में कई वरिष्ठ नेताओं पर भ्रष्टाचार, अवैध खनन और भूमि घोटालों के गंभीर आरोप लगे हैं। ईडी और सीबीआई जैसी केंद्रीय एजेंसियों की बढ़ती सक्रियता ने सत्ता पक्ष को घेरे में लिया है। इससे राजनीतिक तापमान और बढ़ गया है।

गठबंधन सरकारों की चुनौती

झारखंड में अक्सर गठबंधन सरकारें बनती रही हैं, लेकिन इन सरकारों में सहयोगी दलों के बीच विश्वास की कमी और नेतृत्व को लेकर खींचतान सामने आती रही है। इससे नीतिगत फैसलों में देरी और विकास कार्यों की रफ्तार धीमी हो जाती है।

जनता की चिंता: रोजगार, शिक्षा और कानून-व्यवस्था

जहां सियासी दल सत्ता के समीकरण साधने में लगे हैं, वहीं आम जनता बेरोजगारी, खराब शिक्षा व्यवस्था और बिगड़ती कानून-व्यवस्था से परेशान है। आदिवासी क्षेत्रों में विकास की कमी और युवाओं के बीच बढ़ती निराशा राज्य के भविष्य के लिए चिंता का विषय है।

Share this story

Tags