झारखंड के आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने मंगलवार को झारखंड के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे को राज्य में कथित आबकारी घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में गिरफ्तार किया। एक अधिकारी ने बताया कि चौबे को विशेष अदालत द्वारा 3 जून तक न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बाद होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार ले जाया गया। एसीबी ने घंटों पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार किया। आबकारी विभाग में सचिव के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान आबकारी नीति में अनियमितताओं के आरोपों की जांच एसीबी कर रही है। इसी मामले में आबकारी विभाग के संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। 1999 बैच के आईएएस अधिकारी चौबे ने मुख्यमंत्री के सचिव समेत कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। वे वर्तमान में पंचायती राज विभाग में प्रधान सचिव के पद पर तैनात हैं। राज्य सरकार ने पहले चौबे के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की अनुमति दी थी। एसीबी की एक टीम सुबह चौबे के आवास पर पहुंची और उन्हें पूछताछ के लिए एजेंसी के मुख्यालय ले गई।
बाद में उन्हें गिरफ्तार कर एसीबी के विशेष न्यायाधीश योगेश कुमार की अदालत में पेश किया गया। उनके वकील देवेश अजमानी ने संवाददाताओं से कहा, "उन्हें 3 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।" अजमानी ने कहा, "हमें इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि एसीबी ने उन्हें किस आधार पर गिरफ्तार किया। उनकी स्वास्थ्य संबंधी स्थिति ठीक नहीं है और हमने अदालत के समक्ष मेडिकल रिपोर्ट पेश की है।" एसीबी ने गिरफ्तार करने से पहले गजेंद्र सिंह से भी पूछताछ की।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आबकारी घोटाले की जांच के तहत पिछले साल अक्टूबर में चौबे और सिंह से जुड़े परिसरों पर छापेमारी की थी। इसके बाद ईडी ने राज्य सरकार के कई अधिकारियों, शराब कारोबारियों और अन्य के परिसरों पर भी छापेमारी की। धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत संघीय जांच एजेंसी के झारखंड क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा आपराधिक मामला दर्ज किए जाने के बाद पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ की राजधानी रांची और रायपुर में 15 परिसरों पर तलाशी ली गई।