झारखंड के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने सीएसआर फंड के दुरुपयोग पर जताई गंभीर आपत्ति, सख्त निगरानी की मांग
झारखंड के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने राज्य में कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) फंड के दुरुपयोग को लेकर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि कई परियोजनाओं में सीएसआर फंड का सही दिशा में उपयोग नहीं हो रहा है, जिससे आम लोगों को मिलने वाले लाभ पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।
पारदर्शिता और जवाबदेही की जरूरत
राज्य सरकार की एक समीक्षा बैठक में वित्त मंत्री ने कहा:
“सीएसआर फंड का उद्देश्य समाज के वंचित तबकों तक सुविधा पहुँचाना है। लेकिन इसकी आड़ में कई बार निजी लाभ के लिए इसका प्रयोग किया जा रहा है, जो बेहद चिंताजनक है।”
निगरानी तंत्र को मजबूत करने पर ज़ोर
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अब समय आ गया है जब सीएसआर फंड के उपयोग पर निगरानी तंत्र को और अधिक मजबूत और पारदर्शी बनाया जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी जिलों में सीएसआर फंड से चल रही योजनाओं का ऑडिट किया जाए और नियमित मूल्यांकन रिपोर्ट तैयार की जाए।
कॉरपोरेट्स से भी जवाबदेही की अपेक्षा
वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि राज्य में कार्यरत कंपनियों को सामाजिक उत्तरदायित्व को केवल दिखावा नहीं, बल्कि गंभीर दायित्व के रूप में लेना होगा। उन्होंने कंपनियों से अपील की कि वे फंड का सही तरीके से स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वच्छता और कौशल विकास जैसे क्षेत्रों में प्रयोग करें।
एकीकृत पोर्टल के निर्माण का प्रस्ताव
बैठक में यह सुझाव भी सामने आया कि राज्य सरकार एक एकीकृत सीएसआर पोर्टल तैयार करे, जिसमें सभी परियोजनाओं का विवरण, प्रगति रिपोर्ट और व्यय की जानकारी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हो।

