
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के वरिष्ठ नेता और 1962 से 1967 तक बिहार विधानसभा के विधायक रहे बस्ता सोरेन का निधन हो गया है। घाटशिला से कम्युनिस्ट पार्टी के विधायक रहे कॉमरेड बस्ता सोरेन का मंगलवार रात लंबी बीमारी के बाद 92 साल की उम्र में निधन हो गया। वे कम्युनिस्ट पार्टी के प्रखर नेता थे।
उन्होंने सीपीआई के टिकट पर घाटशिला से तीन बार चुनाव लड़ा था।
बस्ता सोरेन ने 1957, 1962 और 1967 में सीपीआई उम्मीदवार के तौर पर विधानसभा चुनाव लड़ा था। उनका जीवन आम लोगों के लिए समर्पित था। वे लगातार आदिवासियों के उत्थान के बारे में सोचते रहते थे। इतना ही नहीं, वे आदिवासियों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने में भी लगे रहे।
कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं ने बस्ता सोरेन को श्रद्धांजलि दी
बस्ता सोरेन के परिवार में बेटा डॉ. देवदूत सोरेन, बहू डॉ. सुनीता सोरेन, विवाहित बेटी और नाती-नातिन का भरा-पूरा परिवार है। उनके निधन से कम्युनिस्ट पार्टी को बहुत बड़ी क्षति हुई है। उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव कामरेड अम्बुज ठाकुर, वरिष्ठ कामरेड शशि कुमार, कामरेड आरएस राय, एटक कामरेड हीरा अरकने, कामरेड सोनू सेठी, एआईएसएफ कामरेड विक्रम कुमार, कामरेड प्रिंस सिंह पहुंचे थे।
कामरेड बस्ता सोरेन को सीपीआई का झंडा ओढ़ाया गया
सभी कामरेडों ने पार्टी का झंडा ओढ़ाकर और पुष्प अर्पित कर बस्ता सोरेन को अंतिम विदाई दी। सीपीआई जिला कमेटी ने गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए बस्ता सोरेन को लाल सलाम किया। नेताओं ने कहा कि कम्युनिस्ट पार्टी उनके समर्पण को हमेशा याद रखेगी।