झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ निर्णायक अंतिम लड़ाई जारी, चाईबासा के सारंडा क्षेत्र में बढ़ी सघन सुरक्षा कार्रवाई

झारखंड-उड़ीसा सीमा पर नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षाबलों का अभियान अपने निर्णायक और अंतिम चरण में पहुंच गया है। राज्य को नक्सल मुक्त बनाने की दिशा में यह ऑपरेशन काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। खासकर चाईबासा का सारंडा क्षेत्र इस लड़ाई में सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है।
सारंडा क्षेत्र में सक्रिय नक्सलियों पर सरकार ने तीन करोड़ रुपये का इनाम घोषित किया है, लेकिन वे लगातार पुलिस और सुरक्षा बलों को चुनौती दे रहे हैं। नक्सली अपनी खास रणनीतियों और चालाकियों से सुरक्षाबलों को कई बार चकमा देते हुए उन्हें नुकसान भी पहुंचा चुके हैं।
सुरक्षा बलों ने नक्सलियों को घेरने और उनके किले को ध्वस्त करने के लिए सघन छापेमारी और निगरानी बढ़ा दी है। इस इलाके की जटिल भौगोलिक स्थिति और घने जंगलों के कारण यह अभियान बेहद चुनौतीपूर्ण हो गया है।
अधिकारियों ने बताया कि इस ऑपरेशन का मकसद नक्सलियों के असर को पूरी तरह खत्म कर झारखंड को स्थायी रूप से नक्सल मुक्त बनाना है। उन्होंने कहा, "सुरक्षा बल पूरी ताकत और रणनीति के साथ इस मिशन को सफल बनाने में लगे हुए हैं।"
इस बीच, स्थानीय प्रशासन भी जनता से अपील कर रहा है कि वे सुरक्षा बलों का सहयोग करें और नक्सलियों के दबाव में न आएं। सरकार ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही सारंडा क्षेत्र में शांति और विकास की स्थिति कायम होगी।
नक्सलियों के खिलाफ यह अंतिम लड़ाई झारखंड के विकास और सुरक्षा के लिए बेहद अहम मानी जा रही है, जिसमें सरकार और सुरक्षा एजेंसियां पूरी तैयारी के साथ आगे बढ़ रही हैं।