हौसला और हिम्मत से बड़ी से बड़ी मुश्किल भी आसान हो जाती है। कुछ ऐसी ही प्रेरणादायक कहानी है रांची के लोअर चुटीयां निवासी हीराकांत झा की, जिन्होंने अपनी ज़िंदगी की सबसे कठिन स्थिति को भी चुनौती के रूप में लिया और उसे पार कर लिया।
हीराकांत झा की कहानी एकदम खास है क्योंकि एक समय ऐसा आया था, जब उनकी दोनों किडनी फेल हो गई थीं। डॉक्टर्स ने भी कह दिया था कि उनका बचना मुश्किल है। लेकिन हीराकांत ने अपनी मुश्किलों के आगे घुटने नहीं टेके। उन्होंने हार मानने की बजाय अपने हौसले को और भी मजबूत किया और काम को ही अपना आत्मा और पूजा बना लिया।
किडनी फेल होने के बाद भी उन्होंने अपने काम में कोई कमी नहीं आने दी। उनका काम ही उनकी ताकत बन गया और हर दिन वह इसे अपनी पूजा की तरह करते रहे। ये एक संदेश है उन सभी लोगों के लिए जो जीवन की मुश्किलों के सामने हार मान लेते हैं।
हीराकांत ने अपनी कड़ी मेहनत और साहस से न सिर्फ अपनी ज़िंदगी को नया दिशा दी, बल्कि दूसरों को भी यह दिखा दिया कि हालात चाहे जैसे भी हों, अगर आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति मजबूत हो तो कोई भी मुश्किल बड़ी नहीं होती।

